Power Generation: भारत का ऊर्जा उत्पादन व ट्रांसमिशन सेक्टर वित्त वर्ष 2024-2030 तक हो सकता है 280 अरब डॉलर

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Power Generation भारत का ऊर्जा उत्पादन और ट्रांसमिशन सेक्टर वित्तीय वर्ष 2024 से 2030 तक बढ़कर हो सकता है 280 अरब डॉलर
Power Generation : भारत का ऊर्जा उत्पादन और ट्रांसमिशन सेक्टर वित्तीय वर्ष 2024 से 2030 तक बढ़कर हो सकता है 280 अरब डॉलर

Power Generation & Transmission Sector, (आज समाज), नई दिल्ली: आने वाले दिनों में भारत के ऊर्जा उत्पादन और ट्रांसमिशन सेक्टर में जबरदस्त विकास होगा। अमेरिकी फर्म जेफ्रीज ने अपनी ताजा रिपोर्ट में ये दावा किया है। इसमें कहा गया है कि भारत में जैसे-जैसे विकास दर बढ़ रही है, वैसे ही ऊर्जा की खपत भी बढ़ेगी। जेफ्रीज की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का ऊर्जा उत्पादन और ट्रांसमिशन सेक्टर वित्तीय वर्ष 2017-23 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2024 से 2030 तक बढ़कर दोगुना यानी कि करीब 280 अरब डॉलर का हो सकता है।

अर्थव्यवस्था के विकास के लिए होगी ऊर्जा की जरूरत

रिपोर्ट के अनुसार, अर्थव्यवस्था के निरंतर विकास के लिए ऊर्जा की जरूरत होगी और ऐसे में ऊर्जा खपत भी सालाना 7 फीसदी की दर से बढ़ेगी। भारत का कुल ऊर्जा उत्पादन 2024 के 442 गीगावाट से बढ़कर 2030 तक 673 गीगावाट तक पहुंच सकता है। देश के थर्मल पावर प्लांट्स में भी निवेश बढ़ेगा और ग्रिड की स्थिरता को बनाए रखने में इन थर्मल पावर प्लांट्स की अहम भूमिका होगी।

रक्षा क्षेत्र में भी जबरदस्त विकास

जेफ्रीज की रिपोर्ट में भारत के रक्षा क्षेत्र में भी जबरदस्त विकास होने की उम्मीद जताई गई है। इसमें कहा गया है कि भारत की रक्षा कंपनियां 14 फीसदी की वार्षिक दर से तरक्की कर सकती हैं। यह अनुमान वित्तीय वर्ष 2024 से 2030 के बीच का है।

स्वेदशी रक्षा उत्पादन पर जोर

दरअसल, केंद्र सरकार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए स्वेदशी रक्षा उत्पादन पर जोर दे रही है। इस कारण देश में ही रक्षा उत्पादन के काम में तेजी आएगी। साथ ही रिपोर्ट में वैश्विक परिस्थितियों को भी भारत के रक्षा क्षेत्र में तरक्की का कारण बताया गया है, क्योंकि आजकल दुनिया के विभिन्न हिस्सों में युद्ध चल रहा है।

90-100 अरब डॉलर से ज्यादा का हो सकता है रक्षा बाजार

रिपोर्ट के अनुसार, अगले 5-6 वर्षों में भारत का रक्षा बाजार 90-100 अरब डॉलर से ज्यादा का हो सकता है। रक्षा क्षेत्र पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले देशों में भारत शीर्ष 3 में शामिल है, लेकिन 2022 में भारत ने अमेरिका के रक्षा खर्च की तुलना में केवल 10 प्रतिशत और चीन के रक्षा क्षेत्र की तुलना में सिर्फ 27 फीसदी ही खर्च किया। यही कारण है कि भारत के तेज आर्थिक विकास और दुनिया में भारत के उभार के चलते इसके रक्षा क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं।