आज समाज डिजिटल, पानीपत:
Power Crisis Will Deepen: प्रदेश में गर्मी के बढ़ने के साथ-साथ पानीपत थर्मल पावर प्लांट में कोयले का संकट भी गहरा रहा है। पिछले कुछ दिनों से इसकी किल्लत हो रही है। इसकी कमी की वजह से बिजली सप्लाई का संकट भी गहरा सकता है। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने इस अंदेशे से इनकार किया है।
गर्मी के साथ बढ़ गई बिजली की मांग Power Crisis Will Deepen
गर्मी में हरियाणा में बिजली की मांग अधिक बढ़ गई है। हरियाणा में बिजली की किल्लत पैदा हो गई है। हरियाणा में बिजली उत्पादन के लिए अधिकतर बिजली उत्पादन संयंत्र कोयला आधारित हैं। देश में कोयले की किल्लत बढ़ गई है। इसका खतरा हरियाणा में भी मंडरा रहा है। कोयले की कमी के कारण हरियाणा में बिजली संयंत्रों को बंद करना पड़ सकता है। पानीपत थर्मल पावर स्टेशन की 210 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 6 और 250-250 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर सात और आठ चल रही हैं। यूनिटों को चलाने में 1 दिन में लगभग 10500 टन कोयले की खपत होती है। पानीपत थर्मल में इस समय लगभग 66000 टन कोयला बचा है।
रहता है एक माह कोयले का स्टाक Power Crisis Will Deepen
पानीपत थर्मल पावर स्टेशन के चीफ इंजीनियर एसएल सचदेवा ने बताया कि उनके पास लगभग 1 सप्ताह का कोयला स्टाक में है। यदि बेड स्टाक को मिलाकर भी थर्मल को चलाया जाए तो भी मात्र 10 दिन का ही कोयला उनके पास है। कोयले की कमी के चलते उनके पास कोयला बहुत कम आ रहा है। पहले थर्मल में लगभग एक माह का कोयला स्टाक में रहता था।
इन फीडरों पर होती है बिजली सप्लाई Power Crisis Will Deepen
पानीपत थर्मल पावर प्लांट में बिजली तैयार करके दूसरे जिलों में भेजी जाती है। यहां से बिजली के दो बिजली फीडर रोहतक, दो बिजली फीडर जींद, 3 बिजली फीडर सफीदों, 3 बिजली फीडर निङ्क्षसग व एक बिजली फीडर बसताड़ा पावर हाऊस में जाते हैं। यदि कोयले की कमी के कारण थर्मल की यूनिट बंद हुई तो प्रदेश भर में बिजली संकट ओर अधिक गहरा सकता है।
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