आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
गर्मी के साथ-साथ बिजली संकट भी बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को प्रदेश में बिजली की मांग 9100 मेगावाट को भी पार कर गई। गर्मी की वजह से ही बिजली की खपत भी बढ़ती नजर आ रही है। यदि आने वाले दिनों में कोई हल नहीं निकला तो समस्या विकराल हो जाएगी।
सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें
इसे देखते हुए प्रदेश सरकार की चिंताएं बढ़ने लगी हैं और वैकल्पिक व्यवस्थाएं तलाशनी शुरू कर दी गई हैं। इन सबसे दीगर बिजली मंत्री का कहना है कि एक-दो सप्ताह में इस कमी को पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए अन्य राज्यों से मदद मांगी जा रही है, जिससे कि प्रदेशवासियों को दिक्कत का सामना ना करना पड़े। मंत्री का कहना है कि विभिन्न स्तर पर बात चल रही है। इसके अनुसार अडानी से 1200 से 1400 मेगावाट बिजली ली जाएगी। इसके साथ ही अन्य राज्यों से भी बात चल रही है, जिसके मुताबिक छत्तीसगढ़ से 350 मेगावाट और मध्यप्रदेश से 150 मेगावाट बिजली ली जाएगी।
बढ़ने लगा पावर कट
बता दें कि औसतन इस समय हर साल मांग 7000 मेगावाट रहती है लेकिन इस बार बदहाल करने वाली गर्मी के कारण मांग 9000 पार पहुंच चुकी है। बिजली विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस समय 1500 मेगावाट की कमी आई है। बिजली का संकट जैसे जैसे गहरा रहा है प्रदेश में पावर कट की समस्या भी बढ़ती जा रही है। प्रचंड गर्मी के बीच घंटो बिजली कटने से लोगों की परेशानियां काफी बढ़ गई हैं।
साथ ही इससे उनके दैनिक कार्यों पर भी असर पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार गुरुग्राम में सबसे अधिक छह घंटे बिजली कटौती की गई। बिजली की मांग की बात करें तो हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधिकार क्षेत्रों में आने वाले जिलों में 4300 से 4500 मेगावाट लोड शेयर की डिमांड है। इसके अलावा उत्तरी बिजली वितरण निगम लिमिटेड के क्षेत्र में आने वाले जिलों के लिए 2500 मेगावा से ज्यादा की मांग है।