आज समाज डिजिटल, शिमला:
देश का हर प्रदेश बिजली संकट से जूझ रहा है। आम आदमी से लेकर उद्योगपति तक सभी परेशान हैं। इस संकट से ऊर्जा के जन्मदाता के रूप में जाना जाने वाला राज्य हिमाचल प्रदेश भी अछूता नहीं रहा। अप्रैल माह में हिमाचल में पावर कट लगाने पड़े।
22 लाख घरेलू उपभोक्ता, 3 लाख कमर्शियल
इससे सबसे ज्यादा नुकसान उद्योगों को हुआ। राज्य बिजली बोर्ड ने प्रदेश में बिजली की कमी पूरा करने के लिए अप्रैल माह में 65 करोड़ रुपये की बिजली खरीदी। प्रदेश में करीब 22 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं, 3 लाख के करीब उद्योग और कमर्शियल कनेक्शन हैं। राज्य बिजली बोर्ड के एमडी पंकज डडवाल ने बताया कि अप्रैल माह में बिजली बोर्ड ने 700 लाख यूनिट एक्सचेंज बेसिस पर खरीदी है।
16 अप्रैल से चल रहा संकट
उन्होंने कहा कि 16 अप्रैल से कई राज्यों में संकट चल रहा है। हिमाचल में 29 अप्रैल के बाद कोई पावर कट नहीं लगाए जा रहे हैं। एमडी ने कहा कि अब बैंकिग आधार पर भी बिजली देना शुरू कर दी गई है, 1 मई से राज्य बिजली बोर्ड ने पंजाब को भी बिजली देना शुरू कर दिया है। बोर्ड हर रोज करीब 13 मेगावाट बिजली पंजाब को दे रहा है।
हिमाचल में बिजली उत्पादन बढ़ा
दूसरी ओर ऊर्जा विभाग की माने तो प्रदेश में अब बिजली उत्पादन बढ़ना शुरू हो गया है। ऊर्जा विभाग के निदेशक हरीकेश मीणा ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में कुल बिजली उत्पादन में 15 से 20 फीसदी की बढ़ौतरी हुई है। इस समय कुल क्षमता का करीब 45 प्रतिशत बिजली उत्पादन शुरू हो गया है।
मीणा ने बताया कि हिमाचल की उत्पादन क्षमता 11 हजार 128 मेगावाट है। जून महीने के पहले हफ्ते तक पीक तक पहुंच जाएंगे। कुल उत्पादन का 70 फीसदी शेयर केंद्र का है। हिमाचल में सरकारी और निजी कंपनियों के बाहरी राज्यों के करार के अनुसार बिजली दी जाएगी