बिजली उपलब्धता में आत्मनिर्भर बना है हरियाणा – मुख्यमंत्री मनोहर लाल

0
353
Power availability In Haryana
  • वर्ष 1966 में कुल 343 मैगावाट बिजली उपलब्धता, आज बढक़र हुई 13106.58 मैगावाट
  • हरियाणा बिजली विनियामक आयोग की रही अहम भूमिका

आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़ (Power availability In Haryana) : हरियाणा अपने गठन के बाद बिजली क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ा है।  एक ओर जहाँ उस समय बिजली की उपलब्धता केवल 343 मैगावाट थी तो वहीं आज 13106.58 मैगावाट तक हो गई है।  इस प्रकार राज्य में विगत 8 वर्षों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में आज हरियाणा बिजली उपलब्धता के मामले में आत्मनिर्भर बना है।

जब मई-जून के महीनों में बिजली की सर्वाधिक आवश्यकता होती है (पीक आवर्स), तो उस समय बिजली की मांग 12768 मैगावाट तक पहुँच गई थी, उस लक्ष्य को भी पूरा किया गया। पूरे उत्तरी भारत में जब बिजली का संकट गहरा गया था तब भी हरियाणा में बिजली की उपलब्धता आशा के अनुरूप रही। बिजली निगमों व हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) द्वारा किए गए बिजली सुधारों की बदौलत यह संभव हो सका।

वर्ष 1970 में ही गांव- गांव में पहुंची थी बिजली

अलग प्रांत के रूप में हरियाणा जब 1966 में पंजाब से अलग हुआ तो उस समय हरियाणा के पास संसाधनों की अत्यधिक कमी थी। तत्कालीन सरकारों के समक्ष जनता को सडक़, बिजली, पानी जैसे बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाना एक बड़ी चुनौती था। लेकिन 1970 में गांव-गांव में बिजली पहुंचाई गई।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं मानते हैं कि प्रदेश के विकास में अब तक की जितनी भी सरकारें रही हैं, सभी ने इस कार्य में अपना योगदान दिया है। परंतु जितने कार्य पिछले 8 वर्षों में हुए हैं, वह 48 वर्षों के कार्यों पर भारी पड़ रहे हैं।  बिजली सुधारों के क्षेत्र में तो हरियाणा ने इन 8 वर्षों में एक ऊंची छलांग लगाई है। प्रदेश न केवल बिजली की उपलब्धता के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना है बल्कि बिजली वितरण की चारों कंपनियां पहली बार मुनाफे में आई हैं।

हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) भी निभा रहा है अहम भूमिका

बिजली उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण, बिजली दरों को न्यायसंगत बनाने और पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल नीतियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य के लिए 1998 में हरियाणा पावर रिफोर्म एक्ट लागू हुआ, इसके बाद 16 अगस्त, 1998 को एचईआरसी का गठन किया गया। हरियाणा राज्य बिजली बोर्ड के स्थान पर दो कंपनियां बनी-हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) और हरियाणा बिजली उत्पादन निगम (एचपीजीसीएल)।


वर्ष 1999 में हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम से दो अलग कंपनियां बनाई गई जो केवल बिजली वितरण का कार्य करेंगी – उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन), यानी यूएचबीवीएन के अंतर्गत अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक और झज्जर सहित दस बिजली सर्कल हैं, इन दस सर्कलों में 32 डिविजन हैं और 128 सब डिविजिन हैं।
इसी प्रकार, डीएचबीवीएन के अंतर्गत हिसार, फतेहाबाद, जींद, नारनौल, रेवाड़ी, भिवानी, गुरुग्राम-1, गुरूग्राम-2, फरीदाबाद, पलवल और सिरसा सहित 11 सर्कल, 30 डिविजन और 129 सब डिविजन हैं।

यमुनानगर में लगेगा 900 मैगावाट का नया पावर प्लांट

हरियाणा बिजली उत्पादन निगम कुल 2582.40 मैगावाट बिजली का उत्पादन करती है, जिसमें से पानीपत थर्मल प्लांट से 710 मैगावाट बिजली का, राजीव गांधी थर्मल प्लांट खेदड़ से 1200 मैगावाट, दीनबंधु छोटूराम थर्मल प्लांट, यमुनानगर से 600 मैगावाट, वेस्टर्न यमुना कैनाल से 62.4 मैगावाट हाइड्रो तथा पानीपत पावर प्रोजेक्ट से 10 मैगावाट सोलर का बिजली उत्पादन होता है। 1966 में जहां हरियाणा में 20 हजार 190 कृषि के लिए उपयोग में आने वाले टयूबवेल के बिजली कनेक्शन थे जो अब 2022 में बढक़र 6 लाख 64 हजार 882 हो गए हैं।

1966 में हरियाणा में मात्र 9749 ओद्यौगिक क्षेत्र के बिजली कनेक्शन थे जो अब 2022 में बढक़र 1 लाख 18 हजार 801 हो गए हैं। वर्ष 1966 में प्रति व्यक्ति 48 यूनिट बिजली की खपत थी जो अब बढक़र करीब 1805 यूनिट हो गई है। आज  बिजली उपभोक्ताओं की संख्या बढकर 73 लाख 82 हजार 836 हो गई है। मुख्मंत्री ने राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए एनसीआर से बाहर यमुनानगर में 900 मैगवाट एक और पावर प्लांट लगाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है और शीघ्र ही इसके स्थल चयन व डीपीआर को मंजूरी मिल जाएगी।

 

ये भी पढ़ें : दिल्ली में फिर घटी दिल दहलाने वाली घटना, नशेड़ी युवक ने पूरे परिवार को मार डाला

ये भी पढ़ें : Disha Patani Bikini Photos : दिशा पाटनी ने शेयर की ऐसी फोटोज, सर्दी में होगा गर्मी का अहसास

ये भी पढ़ें :  IPL 2023 Retention List : जानिए किस टीम से कौन सा खिलाड़ी हुआ बाहर

Connect With Us: Twitter Facebook