Post Office Scheme
आज समाज डिजिटल, अंबाला
बैंक के मुकाबले डाक घर में निवेश पूरी तरह सुरक्षित रहता है। बैंक के डिफॉल्ट होने की स्थिति में उसमें जमा पांच लाख रुपये तक ही बीमा गांरटी होती है। यह गारंटी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन बैंक ग्राहकों देता है जबकि, डाक घर में जमा पैसों पर सॉवरेन गारंटी होती है। डाकघर की मंथली इनकम स्कीम में पति-पत्नी ज्वाइंट अकाउंट के जरिए हर माह गारंटीड इनकम हासिल कर सकते हैं।
इस स्कीम में सिर्फ एकमुश्त निवेश करना होता है। मंथली इनकम स्कीम (एमआईएस) में ज्वॉइंट अकाउंट खोलने की सुविधा मिलती है। इस स्कीम के तहत सिंगल और ज्वॉइंट (3 व्यक्ति तक) दोनों अकाउंट खोले जा सकते हैं। इस अकाउंट में सिर्फ एक बार निवेश करना है और इसकी मैच्योरिटी पांच साल की होती है। यानी, पांच साल बाद से आपको गारंटीड मंथली इनकम होने लगती है।
उदाहरण के तौर पर पति-पत्नी ने ज्वॉइंट अकाउंट खुलवाया है और उसमें 9 लाख रुपये जमा कराए हैं। इस पर 6.6 फीसदी की दर से 59,400 रुपये सालाना ब्याज बनता है। इसे 12 माह में बांटें तो आपको हर माह 4950 रुपये मिलेंगे।
Also Read : Coronavirus Update In India महाराष्ट्र में मिले ओमिक्रॉन के 2 और मरीज, भारत में कुल संक्रमितों की संख्या 23 हुई
मंथली इनकम स्कीम के मुताबिक सिंगल अकाउंट में मैक्सिमम 4.5 लाख रुपये और ज्वॉइंट अकाउंट में 9 लाख रुपये निवेश किया जा सकता है। अभी इस स्कीम में 6.6 फीसदी का सालाना ब्याज मिल रहा है। अगर आप चाहें तो आपका कुल प्रिंसिपल अमाउंट पांच साल की मैच्योरिटी होने के बाद वापस मिल जाएगा। वहीं, इसे आगे पांच-पांच साल और बढ़ा सकते हैं। हर पांच साल बाद मौका होगा कि अपना प्रिंसिपल अमाउंट ले सकते हैं या स्कीम आगे बढ़ा सकते हैं।
प्रीमैच्योर में करा सकते हैं बंद (Post Office Scheme)
एमआईएस की मैच्योरिटी पांच साल की होती है। हालांकि, इसमें प्रीमैच्योर क्लोज कराया जा सकता है। डिपॉजिट की तारीख से एक साल पूरे होने के बाद ही आप पैसा निकाल सकते हैं। अगर एक साल से तीन साल के बीच में पैसा निकालते हैं, तो डिपॉजिट अमाउंट का दो फीसदी काटकर वापस किया जाएगा। अगर अकाउंट खुलने के तीन साल बाद मैच्योरिटी के पहले कभी भी पैसा निकालते हैं तो आपकी जमा राशि का एक फीसदी काटकर वापस किया जाएगा।
डाकघर की इस मंथली इन्वेस्टमेंट स्कीम में बच्चे के नाम से भी निवेश कर सकते हैं। अगर बच्चा 10 साल से कम उम्र का है तो उसके नाम पर उसके माता-पिता या कानूनी अभिभावक की ओर से अकाउंट खोला जा सकता है। बच्चे की उम्र 10 साल होने पर वह खुद भी अकाउंट के संचालन का अधिकार पा सकता है।
Also Read : PM Modi In Gorakhpur पीएम मोदी गोरखपुर में करेंगे खाद कारखाना व एम्स का उद्घाटन