Aaj Samaj (आज समाज), Pollution Report, नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अलावा आर्थिक राजधानी मुंबई व अन्य कई शहरों में इन दिनों वायु प्रदूषण लोगों के लिए आफत बन गया है। समस्या पर नियंत्रण की कोशिशों के बावजूद दिल्ली-एनसीआर का हाल सबसे ज्यादा बेहाल है। दिन-ब-दिन स्थिति बदतर होती जा रही है। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच साल में दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा है। आज भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बरकरार रही।
- राजधानी में पीएम भी सबसे अधिक दर्ज, 2021 से लगातार इजाफा
दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता में भी प्रदूषण बढ़ा
रेस्पिरर रिपोर्ट में बताया गया है कि अक्टूबर-2023 में दिल्ली में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 का स्तर एक साल पहले की तुलना में अधिक पाया गया है जो देश में सबसे ज्यादा है। 2021 से इसमें लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है जो चिंता का विषय है। रिपोर्ट के मुताबिक देश के चार प्रमुख शहरों, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता में वायु प्रदूषण बढ़ा है, जबकि लखनऊ और पटना जैसे शहरों में इसमें गिरावट दर्ज की गई है।
लखनऊ, पटना, चेन्नई में एयर पॉल्यूशन घटा
चेन्नई में इसमें 23 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। रिपोर्ट आठ प्रमुख राज्यों की राजधानियों में 2019 और 2023 के बीच पीएम 2.5 का विश्लेषण कर तैयार की गई है। आठ राजधानियों में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, लखनऊ और पटना शामिल है।
ग्रैप-3 के तहत प्रतिबंधों को लागू करने का निर्देश
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बने रहने के बाद वायु गुणवत्ता पैनल ने गुरुवार को शहर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधों को लागू करने का निर्देश दिया है, जिसमें गैर-जरूरी निर्माण और तोड़-फोड़ के काम पर रोक शामिल है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, आज दिल्ली के लोधी रोड इलाके में एक्यूआई 438, जहांगीरपुरी में 491, आरके पुरम इलाके में 486 और आईजीआई एयरपोर्ट (टी 3) के आसपास एक्यूआई 473 दर्ज किया गया। वहीं, नोएडा में वायु गुणवत्ता 413 ‘गंभीर’ श्रेणी में रही। फरीदाबाद और गाजियाबाद में भी हालात खराब ही रहे।
मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से ऊपर
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक्यूआई 200 से ऊपर पहुंच गया है। शुक्रवार को भी हालात में सुधार होता नहीं दिखा। प्रदूषण को रोकने के लिए बॉम्बे वायु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम, टाटा पावर और अन्य कंपनियों से अपने उत्पादन में आधा कटौती करने को कहा है। उधर बीसीसीआई ने दिल्ली और मुंबई में विश्वकप मैचों के दौरान होने वाली आतिशबाजी पर रोक लगा दी है।
अशुद्ध हवा में सांस लेती है 99 फीसदी आबादी : डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया की 99 फीसदी आबादी अशुद्ध हवा में सांस लेती है और वायु प्रदूषण के कारण प्रति वर्ष 70 लाख लोगों की असामयिक मृत्यु होती है। जब हवा का स्तर खराब होता है तो सूक्ष्म कणों (पीएम2.5) से होने वाला कण प्रदूषण चिंता का विषय बन जाता है। दरअसल, पीएम2.5 कण 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास वाले कणों को बताता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है
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