Manipur Breaking News : सीएम के इस्तीफे के बाद मणिपुर में राजनीतिक उथल-पुथल

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Manipur Breaking News : सीएम के इस्तीफे के बाद मणिपुर में राजनीतिक उथल-पुथल

भाजपा जल्द घोषित करेगी नए सीएम का नाम, ओडियो लीक होने के बाद बीरेन सिंह को देना पड़ा इस्तीफा

Manipur Breaking News (आज समाज), इंफाल : मणिपुर में हिंसा के 21 महीनों के बाद और कथित ओडियो लीक मामले में नाम आने पर मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें कि पिछले एक सप्ताह से ही मणिपुर की राजनीति में कुछ अशांति थी। जिसके बाद इस तरह के कयास लगाए जा रहे थे। दरअसल 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के दिन एन बीरेन सिंह दिल्ली गए थे।

उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने का समय मांगा था। दिल्ली में उनकी बैठक नहीं हुई। 6 फरवरी को वह कुंभ में स्नान करने प्रयागराज गए, जहां उनके कई साथी कैबिनेट मंत्री भी थे। 7 फरवरी को एन बीरेन सिंह प्रयागराज से दिल्ली लौटे। 9 फरवरी को बीरेन सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की। इसके बाद वे दिल्ली से मणिपुर लौटे और राज्यपाल से मिलने का समय मांगा और शाम को इस्तीपा सौंपा। सूत्रों के मुताबिक अगले दो दिनों के अंदर भाजपा नए मुख्यमंत्री का नाम तय कर सकती है।

यह ओडियो आया है सामने

मणिपुर हिंसा के दौरान मुख्यमंत्री बीरेन सिंह का एक कथित आॅडियो क्लिप लीक हुआ था। कुकी समुदाय की याचिका पर 3 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इस आॅडियो को लेकर केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला ( सीएफएसएल) से छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा था। 24 मार्च को शीर्ष अदालत में सुनवाई होनी है। इस आॅडियों में कथित रूप से सीएम सिंह की बातचीत शामिल है। इसमें वह सुझाव दे रहे हैं कि मैतेई समूहों को अशांति के दौरान राज्य सरकार से हथियार और गोला-बारूद लूटने की अनुमति दी जानी चाहिए। कुकी समुदाय ने आरोप लगाया है कि जातीय हिंसा में सिंह ने अहम भूमिका निभाई।

आज से शुरू हो रहा है विधानसभा सत्र

आपको बता दें कि आज यानि सोमवार से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के सत्र में कांग्रेस बीरेन सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली थी। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने की संभावना थी। कोंराड संगमा की नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के समर्थन वापस लेने के बाद भी सरकार को बचाए रखने के लिए भाजपा के पास पर्याप्त संख्या थी। लेकिन सूत्रों की मानें तो कई विधायक पार्टी के व्हिप को नकारते हुए अविश्वास प्रस्ताव पर बीरेन सिंह के खिलाफ वोट दे सकते थे, क्योंकि वे मुख्यमंत्री बदलने के पक्ष में थे।