अभिजीत भट्ट । गांधीनगर
कहा जाता है कि गुजरात में ‘आप’ के आने से लोगों को फायदा होगा न कि राजनीतिक दलों को फायदा होगा या नुकसान होगा। आप के आने से गुजरात की जनता को निश्चित तौर पर तीन तरह से फायदा होगा। भाजपा को अब सरकार बचाने के लिए लोगों के लिए और कुछ करना होगा। जैसे-जैसे कांग्रेस विपक्ष के रूप में अधिक सक्रिय होती जाएगी, सरकार हमेशा विपक्ष के मुद्दों से अवगत रहेगी। आम आदमी पार्टी के डर से भी सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली जैसे मुद्दों पर दिल्ली मॉडल जैसा लाभ देना होगा।
पिछले 25 वर्षों से, भाजपा और कांग्रेस गुजरात की राजनीति और सत्ता में आमने-सामने हैं, स्थानीय स्वशासन से लेकर संसद तक भाजपा का दबदबा है। इस समय गुजरात में आम आदमी पार्टी के अचानक आने से गुजरात की राजनीति में नए समीकरण बनने लगे हैं, जिसका फायदा राज्य की जनता को मिल सकता है। वहीं, मतदाताओं को चुनाव में एक विकल्प मिल रहा है।
गुजरात की राजनीति में सालों से मतदाता क्षेत्रीय दल या निर्दलीय की जगह राष्ट्रीय दल को चुनते रहे हैं। विशेष रूप से, भाजपा और कांग्रेस केवल दो प्रमुख दल सक्रिय थे, मतदाताओं के पास केवल दो विकल्प थे। नतीजतन, सत्तारूढ़ दल, भाजपा, सत्ता हासिल कर रही है, जबकि कांग्रेस पार्टी के भीतर आंतरिक विभाजन ने लोगों को कांग्रेस से अलग कर दिया है। इसका सीधा फायदा बीजेपी को भी हुआ है, यही वजह है कि राजनीतिक विश्लेषक कहते रहे हैं कि गुजरात में बीजेपी नहीं जीत रही, कांग्रेस हार रही है, इसलिए बीजेपी सत्ता में बनी रह सकती है।
आम आदमी पार्टी पिछले कुछ समय से गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जंग में धीमी गति से आगे बढ़ रही है, लेकिन लोगों के जेहन तक नहीं पहुंच पाई है। लेकिन आम आदमी पार्टी पिछले एक-दो साल से गुजरात में काफी सक्रिय है, जिसमें स्थानीय निकाय और नगर निगम चुनावों में आप का समर्थन करने के लिए मतदाता सामने आए और नगर निगम से जिला और तालुका पंचायतों को जीतकर आप का उदय हुआ।
गुजरात में ‘आप’ के आने से सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के लिए भी चुनौती खड़ी हो गई है। अगर जनता अगले चुनाव में आप का समर्थन करती है, तो कांग्रेस दूसरा विकल्प हो सकता है और तीसरा विकल्प नहीं, ताकि आप की एंट्री गुजरात के सदियों पुराने राजनीतिक पैटर्न को बदल सके, जैसा कि कहा जाता है कि भाजपा वर्षों से सत्ता में है। क्योंकि जनता के पास कांग्रेस के अलावा कोई चारा नहीं था और लोगों को कांग्रेस की ताकत पर भरोसा नहीं था, गुजरात के बुद्धिमान मतदाता खुलेआम भाजपा को सत्ता में भेज रहे थे, लेकिन अब आम आदमी पार्टी एक विकल्प हो सकती है, जो एक मोड़ हो सकता है। गुजरात की राजनीति और मतदाताओं में बिंदु। गुजरात में ‘आप’ के आने से राजनीतिक दलों को फायदा होगा या नुकसान। बल्कि जनता की भलाई के लिए है।
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