Haryana Assembly Election: महेंद्रगढ़ के रण में तेजी से बदल रहे राजनीतिक समीकरण

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कंवर सिंह यादव, भाजपा प्रत्याशी।
कंवर सिंह यादव, भाजपा प्रत्याशी।

भाजपा द्वारा कंवर सिंह यादव पर दांव खेलने से बिगड़े कांग्रेस व निर्दलीय संदीप सिंह के समीकरण
रामबिलास शर्मा के टिकट कटने से कार्यकर्ताओं में रोष
कंवर सिंह के समक्ष रामबिलास शर्मा के समर्थकों को साथ लाना होगा बड़ी चुनौती
Mahendragarh (आज समाज) महेंद्रगढ़: महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने को लेकर सभी दलों के उम्मीदवारों की स्थिति साफ हो चुकी है ऐसे में भाजपा व कांग्रेस सहित सभी दलों के उम्मीदवारों ने अपना चुनाव प्रचार जोर शोर से छेड़ दिया है। भाजपा से कंवर सिंह यादव तो कांग्रेस से राव दान सिंह चुनाव मैदान में है लेकिन अभी तक दोनों ही उम्मीदवारों का प्रचार अभियान निर्दलीय संदीप सिंह व बलवान फौजी तथा इनेलो के संदीप सिंह के मुकाबले अभी कमजोर ही नजर आ रहा है। वैसे भाजपा से कंवर सिंह यादव को टिकट मिलने से कांग्रेस प्रत्याशी राव दान सिंह की मुश्किलें बढ़नी तय है तथा कंवर सिंह के मैदान में उतरते ही यहां के राजनीतिक समीकरण भी तेजी से बदल रहे है। कंवर सिंह यादव के भाजपा टिकट से मैदान में आने के बाद अहीर बाहुल्य क्षेत्र महेंद्रगढ़ में अहीर मतदाता कांग्रेस से दूर होकर कंवर सिंह यादव के पक्ष में लामबंद होने लगे है। कारण माना जा रहा है कि राव दान सिंह से ऊब चुके अहीर मतदाता अब कंवर सिंह यादव को प्राथमिकता दे रहे है। वहीं अनेक अहीर मतदाता ऐसे है जो केवल जातीय उम्मीदवार को ही मत देने में विश्वास रखते है लेकिन राव दान सिंह का विकल्प उन्हें नहीं मिल पा रहा था।

2019 में रावदान सिंह ने दर्ज की थी जीत

गत चुनावों की बात की जाए तो यहां त्रिकोणीय मुकाबले में कांग्रेस के राव दान सिंह बाजी मार ले गए थे। जिसके पीछे मतदाताओं की भाजपा प्रत्याशी रामबिलास शर्मा से नाराजगी को बड़ी वजह माना गया था। रामबिलास शर्मा के अहीर वोट का बिखराव तथा अन्य शहरी मतदाताओं का निर्दलीय संदीप सिंह में पक्ष में आने से राव दान सिंह की चुनावी नैया पार हो गई थी। वहीं राव दान सिंह व रामबिलास शर्मा के विकल्प के तौर पर भी निर्दलीय संदीप सिंह करीब तीस हजार वोट खींच ले गए थे। इस बार भी भाजपा व कांग्रेस के सीधे मुकाबले का फायदा संदीप सिंह को मिलने की पूरी उम्मीद थी लेकिन कंवर सिंह यादव पर दांव खेलकर भाजपा ने एक बार फिर से मुकाबले को कड़ा बना दिया है। संदीप सिंह चुनाव प्रचार में जो शुरूआती बढ़त बनाने में कामयाब हुए थे वह अब कंवर सिंह यादव के मैदान में आने से कम होने लगी है। संदीप सिंह कांग्रेस के राव दान सिंह को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचा रहे है जबकि महेंद्रगढ़ का शहरी वोट जो रामबिलास शर्मा व राव दान से खिसक कर संदीप सिंह की ओर गया था वह वोट बैंक भी अब पुन: अपने दलों में आने लगा है जिसका विशेष फायदा भाजपा प्रत्याशी को होने की उम्मीद जताई जा रही है। अहीर समुदाय भी नए अहीर प्रत्याशी पर विश्वास जताता हुआ दिखाई दे रहा है।

चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए है रामबिलास शर्मा

भाजपा के कद्दावर नेता रामबिलास शर्मा की टिकट कटने के बाद हालांकि उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को समर्थन व आशीर्वाद देने की बात जरूर कही है परंतु उनके समर्थकों में भाजपा के प्रति खासा रोष बना हुआ है। कंवर सिंह यादव के लिए इस रोष को खत्म कर उनके कार्यकर्ताओं को अपने साथ लाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। हालांकि इस रोष को खत्म करने के लिए प्रयास कर रहे है यदि वे इसमें कामयाब हो जाते है तो निश्चित तौर पर भाजपा प्रत्याशी खुद को मजबूत स्थिति में मान सकते है। रामबिलास शर्मा अभी महेंद्रगढ़ में भाजपा के चुनाव प्रचार से भी दूरी बनाए हुए है तथा देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा प्रत्याशी को उनका हकीकत में कितना समर्थन मिल पाएगा। इतना तय है कि रामबिलास शर्मा का समर्थन ही भाजपा प्रत्याशी की हार-जीत में अहम भूमिका निभाएगा तथा उसी के अनुरूप महेंद्रगढ़ विधानसभा का परिणाम तय होगा।

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