चंडीगढ़। राज्य में कर्फ्यू के अधीन लगाई गई पाबंधी को अमल में लगाने के लिए नागरिक के विरुद्ध ज्यादतियों की रिपोर्ट का नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब पुलिस को कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के प्रति और ज्यादा मानवी और संवेदनशील पहुंच अपनाने के आदेश दिए हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पुलिस मुलाजिमों को इस मुश्किल स्थिति में अधिक से अधिक संयम बरतने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों से निपटने के मौके पर खास कर जरूरी वस्तुएं लेने के लिए बाहर निकलने वाले व्यक्तियों के मामलो में और ज्यादा हमदर्दी भरा व्यवहार अपनाया जाए। सीएम ने कहा कि कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों को सजा देने की आड़ में शारीरिक मारपीट की इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने डीजीपी दिनकर गुप्ता को पुलिस मुलाजिमों को संवेदनशील होने के लिए हर संभव कदम उठाने के आदेश दिए। इसके साथ ही उन्होंने डीजीपी को कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों से निपटने के मौके कानून को अपने हाथों में लेने वालों को लताड़ने के लिए कहा।
लोगों से घरों में रहने की अपील
मुख्यमंत्री ने लोगों को घरों में रहने की अपील करते हुए आपात स्थिति की सूरत में हेल्पलाइन नंबरों आदि के द्वारा पुलिस और सिविल प्रशासन के पास पहुंच करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जरूरी वस्तुएं और सेवाओं को घरों तक पहुंचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सिखज फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा जारी किए टेलिफोन संदेश की रिपोर्ट का नोटिस लेते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए पंजाब के युवाओं को भड़काने के लिए उसकी किसी भी कोशिश या कदम को सहन नहीं किया जाएगा। पन्नू के संदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पन्नू को पंजाबियों की जिंदगी की परवाह नहीं है जिसमें उसने उनको (कैप्टन अमरिंदर सिंह) और डीजीपी दिनकर गुप्ता को भी कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध किसी भी कार्रवाई के लिए गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी गई है।
मारपीट बर्दाश्त नहीं होगी : डीजीपी
इस दौरान डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि बड़े स्तर पर पुलिस मुलाजिमों की तरफ से जिम्मेदारी और सहजता दिखाई गई है परंतु कुछ मामलों में मुलाजिमों की तरफ से कर्फ्यू तोड़ने वालों के विरुद्ध जबरदस्ती की गई है। गुप्ता ने कहा कि उन्होंने पुलिस कमिश्नर्स और जिला पुलिस मुखियों को आदेश दिए हैं कि जमीनी स्तर के पुलिस अफसरों को स्पष्ट कर दिया जाए कि मारपीट बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगी।