आज समाज डिजिटल,नई दिल्ली:
उच्च न्यायालय ने कहा है कि ‘पुलिस चैकी ऐसी जगह नहीं है, जहां काम करने वाले पुलिस अधिकारियों पर पत्थरबाजी, लाठी, डंडे और हथियार से युक्त होकर हमला किया जाना चाहिए। न्यायालय ने जून 2020 में सराय रोहिल्ला स्थित पुलिस चैकी पर हमला करने, गोली चलाने के मामले में आरोपी युवक को जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की है। इस घटना में चैकी प्रभारी जख्मी हो गए थे।
जस्टिस तलवंत सिंह ने कहा है कि याचिकाकर्ता नावेद पर पुलिस चैकी पर हमला करने और अवैध हथियार से पुलिस अधिकारियों पर गोलीबारी करने का आरोप है। न्यायालय ने कहा कि हथियार को भी सह आरोपी की शिनाख्त पर बरामद किया गया था। न्यायालय ने कहा है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट भी पुलिस की कहानी का समर्थन करती है कि याचिकाकर्ता के पास जो हथियार था, वह हमले के लिए इस्तेमाल किया गया था।
उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि ‘पुलिस चैकी एक ऐसी जगह है, जहां लोग अपने बीच विवादों की शिकायत दर्ज कराने जाते हैं। पुलिस चैकी ऐसी जगह नहीं है, जहां सरकारी कर्मचारियों पर आग्नेयास्त्रों, लाठी-डंडों से हमला किया जाता है या उन पर पथराव किया जाता है। उच्च न्यायालय ने कहा है कि जहां तक आरोपी की दलील है तो उसका परीक्षण मामले की सुनवाई (ट्रायल) के दौरान किया जा सकता है।