- डिडवाड़ी से नारायणा जाने वाले मार्ग पर बोर्ड लगा अमर शहीद एएसआई जगदीश चंद्र मार्ग नामकरण किया गया
Aaj Samaj (आज समाज),Police Martyrdom And Police Flag Day Series,पानीपत : अमर शहीदों की याद में पुलिस विभाग की और से 21 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक पुलिस शहीदी व पुलिस झंडा दिवस मनाया जा रहा है। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर शहीद जवानों को याद कर श्रद्धांजली दी जा रही है। पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत के मार्गदर्शन में इसी श्रृंखला में 23 अक्तूबर सोमवार को जिला पुलिस भलाई शाखा निरीक्षक बीरभान व थाना इसराना प्रभारी इंस्पेक्टर बलराज ने शहीद एएसआई जगदीश चंद्र के पैतृक गांव डिडवाड़ी व शहीद यूजीसी रणधीर सिंह के पैतृक गांव मांडी में कार्यक्रम का आयोजन कर अमर शहीदों की शहादत को नमन किया। इस दौरान डिडवाड़ी से नारायणा जाने वाले मार्ग पर बोर्ड लगा अमर शहीद एएसआई जगदीश चंद्र मार्ग नामकरण किया गया। इसी प्रकार गत वर्ष मांडी से टिटाना जाने वाले मार्ग पर बोर्ड लगा अमर शहीद यूजीसी रणधीर सिंह मार्ग नामकरण किया गया था।
अमर शहीदों के जीवन से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए
भलाई शाखा निरीक्षक बीरभान ने इस दौरान युवा शक्ति को देशभक्ति से ओतप्रोत हो जीवन में आगे बढ़ने की सीख देते हुए अपने संबोधन में कहा कि ऐसे अमर शहीदों की गौरव गाथा हमारी युवा शक्ति में पूरे उमंग के साथ देशभक्ति का जज्बा पैदा करती है। अमर शहीदों के जीवन से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम में अमर शहीद एएसआई जगदीश चंद्र के भाई बलबीर सिंह, डिडवाड़ी गांव के सरपंच जगबीर सिंह, मेंबर जस्सा पूनिया, मांडी गांव के सरपंच देवेंद्र सिंह व पूर्व सरपंच धर्मबीर व गांव के मौजिज व्यक्ति व नौजवान मुख्य रूप से मौजूद रहें।
अमर शहीदों के जीवन का सारांश
गांव डिडवाड़ी निवासी अमर शहीद एएसआई जगदीश चंद्र जून 2006 में रोहतक पुराना बस स्टैंड चौंकी में इंचार्ज थे। कच्चा बेरी रोड़ पर दो पक्ष आपस में भिड़ रहे थे। वे चाकू और बोतल का इस्तेमाल कर रहे थे। कानून व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए व गंभीर रूप से घायल खून से सने युवक की जान बचाने के लिए एएसआई जगदीश चंद्र ने बीच-बचाव किया तो दूसरे पक्ष के युवकों ने उन पर चाकू से हमला कर दिया। इस घटना में बहादुर एएसआई जगदीश चंद्र वीर गति को प्राप्त हो गये थे। गांव मांडी निवासी अमर शहीद यूजीसी रणधीर सिंह वर्ष 2005 मे जिला सोनीपत के थाना बरौदा मे तैनात थे। 24 अप्रैल 2005 को उनकी ड्यूटी राइडर पर थी। गस्त के दौरान जब वे महम रोड़ पर मौजूद थे तो बदमाशों के साथ मुठभेड़ हो गई। यूजीसी रणधीर सिंह व साथी पुलिसकर्मी ने उनको रोकने की कोशिश की लेकिन बदमाशों ने उन पर ताबड़ तोड़ गोलियां चला दी। युजीसी रणधीर सिंह व साथी ने बदमाशों का डट कर मुकाबला किया। जिसमें रणधीर सिंह व साथी को कई गोलियां लगी। इस घटना में बहादुर यूजीसी रणधीर सिंह वीर गति को प्राप्त हो गये थे।
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