नई रणनीति के साथ इस क्षेत्र पर रहेगी पैनी नजर
Delhi Breaking News (आज समाज), नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। यहां पर हर रोज कई ऐसे संगीन मामले सामने आ रहे हैं जो किसी के भी रोंगटे खड़ कर सकते हैं। दिल्ली पुलिस भी इन अपराधों पर नकेल कस रही है लेकिन इसके साथ बहुत सारे ऐसे मामले सामने आते हैं जाकि छीना-झपटी, छोटी-मोट चोरी और मारपीट के होते हैं। कई बार इन मामलों की सूचना पुलिस के पास भी नहीं पहुंंच पाती। इससे इन अपराधियों के हौसलें बुलंद होते हैं और वे बाद में बड़े अपराध को भी बेखौफ होकर अंजाम देते हैं। इसलिए दिल्ली पुलिस ने ऐसे अपराधों व अपराधियों से निपटने के लिए नई रणनीति तैयार की है।
पेटी क्राइम पर नजर रखेंगी जेजे क्लस्टर समितियां
ऐसे में इन पर निगरानी की व्यवस्था के तहत जेजे क्लस्टर समितियां नजर रखेंगी। पेटी क्राइम (सड़कों पर छीना झपटी, चोरी, लूटपाट व जेबतराशी) समेत अन्य अपराध में सबसे अधिक झुग्गियों में रहने वाले अपराधी शामिल होते हैं। ऐसे में इन पर निगरानी रखने के लिए गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने जेजे क्लस्टर समितियों का गठन किया है। समिति के सदस्य अपने-अपने इलाके की झुग्गियों में नियमित बैठकें करेंगे और वहां के लोगों को अपराध के रास्ते पर चलने से रोकने के प्रयास करेंगे। झुग्गियों में शराब व ड्रग्स तस्करी समेत जुआ जैसे संगठित अपराध होते हैं, जिसके बारे में सूचना देने के लिए समिति के सदस्यों को पुलिस की आंख व कान के रूप से काम करना होगा।
इन क्षेत्रों में हैं पुलिस के लिए कई चुनौतियां
पुलिस का कहना है कि जेजे क्लस्टर आर्थिक रूप से कमजोर आबादी के एक बड़े हिस्से का ठिकाना होता है जिसमें दिहाड़ी मजदूर, रेहड़ी-पटरी पर सब्जियां व अन्य सामान बेचने वाले व घरेलू कामगार रहते हैं। यहां रहने वाले लोगों को कोई सुविधा नहीं मिलती है। घनी आबादी और संकरी गलियां होने के कारण पुलिस की गाड़ियां वहां नहीं जा पातीं, और पुलिस को कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है।
सामाजिक संस्थाओं की कमी के कारण झुग्गियों में रहने वाले लोग पुलिस को बाहरी ताकत के रूप में देखते हैं। यह अविश्वास पुलिस को खुफिया जानकारी इकट्ठा करने या अपराध को प्रभावी ढंग से रोकने में मुश्किल बनता है। आर्थिक तंगी और शिक्षा के अभाव में झुग्गियों में रहने वाले अधिकतर किशोर व युवा लड़के जेबतराशी से लेकर लूट, झपटमारी, चोरी आदि अपराधों में शामिल हो जाते हैं। इनके लिए किशोर न्याय नीतियां और पुनर्वास कार्यक्रम हैं, लेकिन वे अपर्याप्त हैं।
ये भी पढ़ें : Delhi News : लापरवाही बरतने पर पीडब्ल्यूडी मंत्री ने लिया एक्शन
ये भी पढ़ें : DA Increase of employees : अगले सप्ताह बढ़ सकता है कर्मचारियों का डीए