नई दिल्ली। निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज को सैनिटाइज करने के बाद रविवार को पहली बार फोरेंसिक टीम के साथ क्राइम ब्रांच अंदर गई। यहां फोरेंसिक साइंस के एक्सपर्ट के साथ करीब छह घंटे तक चली जांच पड़ताल में मरकज मामले से जुड़े तमाम सुबूतों को एकत्र किया गया। इस बीच कुछ रजिस्टर व अन्य दस्तावेज भी टीम ने यहां से बरामद किए हैं, जिसकी जांच कराई जाएगी।
बिल्डिंग को खाली कराए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने दो दिनों तक छत व बेसमेंट से लेकर पूरी बिल्डिंग को बार-बार सैनिटाइज किया। स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के बाद क्राइम ब्रांच ने रविवार को अंदर जाकर जांच शुरू की। इससे पहले पुलिस कर्मियों, फोरेंसिक टीम के सदस्यों व उनके साथ गए मरकज के प्रबंधन से जुड़े तीन मौलानाओं को डॉक्टरों ने पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट पहनाया। अच्छी तरह से जांच के बाद उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी गई।
इसमें क्राइम ब्रांच व फोरेंसिक टीम के करीब दस सदस्य थे। यहां टीम ने पूरी बिल्डिंग का मुआयना कर नक्शे बनाए। इसमें बिल्डिंग में कितने तल हैं, कितने कमरे, बाथरूम व बेसमेंट आदि की जानकारी भी जुटाई हैं। इसके अलावा वहां मौजूद कई रजिस्टर व अन्य कई दस्तावेज जब्त किए। जांच के दौरान प्रबंधन से जुड़े तीन मौलानाओं को इसलिए साथ रखा गया। इस बीच जांच प्रक्रिया व बिल्डिंग की वीडियोग्राफी भी कराई गई। मरकज की बिल्डिंग में दो बड़े-बड़े बेसमेंट मिले, जहां हजारों लोगों के ठहरने का इंतजाम है। माना जा रहा है कि बाहर से आए जमातियों को बेसमेंट में ही ठहराया जाता था।
क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन के मुताबिक जांच अभी लंबी चलेगी। क्राइम ब्रांच मरकज के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद सहित प्रबंधन से जुड़े अन्य मौलानाओं को नोटिस जारी कर यहां आने वाले देश-विदेश के लोगों के बारे में जानकारी मांगी है। वहीं रविवार को महाराष्ट्र के एक शख्स के जमात में आने की जानकारी भी क्राइम ब्रांच को मिली।