इंदौर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल की कमान संभालने वाले कैलाश विजवर्गीय ने ऐसा बयान दिया जिसे लेकर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि कुछ मजदूरों के पोहा खाने की स्टाइल को देखकर मुझे शक हुआ कि यह बांग्लादेशी हैं। उन्होंने गुरुवार को सेवा सुरभि के कार्यक्रम में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर आयोजित आयोजन में यह बयान दिया। उन्होंने इंदौर की इस सभा में सीएए के समर्थन की बात कही और कहा कि हमें घुसपैठियों से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने सभा में कहा कि मजदूरों के पोहा खाने के स्टाइल से मैं समझ गया कि वह बांग्लादेशी हैं। जब मैंने मजदूरों से बात की तो वे यह तक नहीं बता पाए कि पश्चिम बंगाल के किस जिले या गांव में रहते हैं। विजयवर्गीय ने यह भी कहा कि उन्हें सुरक्षा दिए जाने के पीछे वजह यह है कि एक बांग्लादेशी युवक इंदौर के आजाद नगर क्षेत्र में डेढ़ साल तक रहकर मेरी रेकी कर रहा था। उसकी गिरफ्तारी से यह बात सामने आई। विजयवर्गीय ने बताया कि कुछ दिन पहले मेरे घर में एक कमरे के निर्माण का काम चल रहा था तो कुछ मजदूरों के खाना खाने का तरीका मुझे अजीब लगा। वे केवल पोहा खा रहे थे। मैंने उनके सुपरवाइजर से बात की और पूछा कि क्या ये बांग्लादेशी हैं। इसके दो दिन बाद कोई भी मजदूर काम पर नहीं आया। इसके बाद उन्होंने कहा कि मामले की शिकायत दर्ज नहीं कराई है लेकिन घुसपैठिए देश का माहौल बिगाड़ सकते हैं। विजयवर्गीय ने नागरिकता कानून का समर्थन करते हुए इसे देशहित में करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कानून वास्तविक शरणार्थियों को नागरिकता देगा और घुसपैठियों की पहचान करेगा।