Aaj Samaj (आज समाज),Poetry Festival In July, मनोज वर्मा,कैथल : साहित्य सभा कैथल द्वारा जुलाई मास की काव्य-गोष्ठी का आयोजन सभा के प्रधान प्रोफ़ेसर अमृत लाल मदान की अध्यक्षता में आर0 के0 एस0 डी0 कॉलेज के अध्यापक-कक्ष में किया गया। गोष्ठी का संचालन डॉ0 प्रद्युम्न भल्ला ने किया। गोष्ठी के दौरान डॉ0 प्रद्युम्न भल्ला को श्याम सुंदर गौड़ ने प्रशस्ति-पत्र देकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। गोष्ठी के दौरान ही गोष्ठी-अध्यक्ष एवं अन्य साहित्यकारों ने श्याम सुंदर गौड़ की नव प्रकाशित पुस्तक संगीतांजलि का और डॉ0 प्रद्युम्न भल्ला की अंग्रेज़ी भाषा में प्रकाशित नई पुस्तक ड्यूएलिटी ऑफ़ लाइफ़ का लोकार्पण किया।
गोष्ठी में ऐतबार विषय को लेकर रिसाल जांगड़ा ने कहा : घोड़े की लात का ऐतबार क्या। बेवफ़ा की बात का ऐतबार क्या। आकाश बेशक साफ दिखता हो मगर, सावन की बरसात का ऐतबार क्या । ज़िंदगी के होने का एहसास करवाते हुए डॉ0 प्रद्युम्न भल्ला ने कहा : ग़ैर को गर गले लगाओगे। ज़िंदगी क्या है जान पाओगे। भूकम्प आने के बाद की स्थिति का वर्णन करते हुए दिनेश बंसल दानिश ने कहा : पाँव के नीचे से धरती, सर से छप्पर ले गया। जलजला कुछ बेबसों के सारे गौहर ले गया। उकसाने वाले के प्रति सचेत करते हुए ईश्वर चंद गर्ग ने कहा : पीठ सहलाकर तुम्हारी, तुम को फुसलाता है जो, एक दिन घोंपेगा आखऱि, पीठ में ख॔जर वही। पिछले दिनों होती रही लगतार बरसात को लेकर डॉ0 तेजिंद्र ने कहा : इतना पानी आ गिरा गलियाँ बनीं नहर। बारिश तो चलती रही, ठहरा रहा शहर। प्रोफ़ेसर अमृत लाल मदान ने अपनी नव प्रयोगवादी क्षणिकाओं से उपस्थित जनों को अचम्भित कर दिया
। इनके अतिरिक्त श्याम सुंदर गौड़, अनिल गर्ग, रवींद्र मित्तल,सतीश शर्मा, रामफल गौड़, कविता सी सी आर टी , रजनीश शर्मा,चेतन चौहान, राज बेमिसाल,प्रीतम शर्मा,शमशेर सिंह कैंदल, चतरभुज बंसल सौथा,डॉ0 हरीश चंद्र झंडई, स्वामी टी0 सी0 अग्रवाल एवं कमलेश शर्मा ने भी अपनी रचनायें सुनाकर प्रशंसा बटोरी।
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