
Aaj Samaj (आज समाज), PM Vishwakarma Scheme, नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘विश्वकर्मा योजना’ को अपनी मंजूरी दे दी। इसी के साथ कैबिनेट ने पीएम-ईबस सेवा को भी हरी झंडी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए ग्रामीण और शहरी भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की मदद के लिए ‘विश्वकर्मा योजना’ का ऐलान किया था। योजना का पूरा नाम पीएम ‘विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना’ या ‘पीएम विश्वकर्मा योजना है। इस स्कीम पर 13 से 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
17 सितंबर को की जाएगी लॉन्चिंग
योजना’ की लॉन्चिंग विश्वकर्मा पूजा के मौके पर अगले महीने 17 सितंबर को की जाएगी। 17 सितंबर को ही प्रधानमंत्री का जन्मदिन भी है। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश आम बजट में ‘विश्वकर्मा योजना’ की घोषणा की थी। इसका का मुख्य उद्देश्य स्किल ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाकर देशभर में मौजूद कारीगरों और शिल्पकारों की क्षमताओं को बढ़ाना है। योजना के तहत कुशल कारीगरों को एमएसएमई से भी जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें बेहतर बाजार मिल सके।
इन वर्ग के लिए होगी लाभदायक
पीएम विश्वकर्मा योजना सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, महिलाएं और कमजोर वर्ग के लिए लाभदायक होगी। बढ़ई, सोनार, मूर्तिकार और कुम्हार आदि क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को इसका फायदा मिलेगा। सरकार की इसके जरिए शिल्पकारों के उत्पादों और उनकी सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने के साथ ही उन्हें घरेलू व वैश्विक बाजार के साथ जोड़ने की कोशिश है। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत प्रतिभागियों को नए स्किल्स, टूल्स, क्रेडिट और मार्केट सपोर्ट दिया जाएगा। इसी के साथ बेसिक और एडवांस दो तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी।
ट्रेनिंग के दौरान प्रतिदिन 500 रुपए का स्टाइपेंड
ट्रेनिंग के दौरान प्रतिभागियों को प्रतिदिन 500 रुपए का स्टाइपेंड भी दिया जाएगा। मॉडर्न टूल्स खरीदने के लिए सरकार 15,000 रुपए की मदद देगी। इसी के साथ एक लाख रुपए तक का लोन दिया जाएगा और इस पर अधिकतम 5 फीसदी का ब्याज होगा। अगले ट्रांच में 2 लाख तक का लोन मिलेगा।
इसके अलावा ब्रांडिंग, आॅनलाइन मार्केट एक्सेस आदि में भी कारीगरों व शिल्पकारों और इस योजना से जुड़ने वालों की मदद की जाएगी। ट्रेनिंग के अलावा कारीगरों व शिल्पकारों मॉडर्न टेक्नोलॉजी के बारे में भी बताया जाएगा और ग्रीन तकनीक, ब्रांड का प्रमोशन, स्थानीय और वैश्विक बाजारों से जुड़ाव के साथ डिजिटल पेमेंट्स और सामाजिक सुरक्षा भी उन्हें मुहैया करवाई जाएगी।
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