इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर अल्पसंख्यक आयोग और दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी से दखल दे
Punjab News Update (आज समाज, चंडीगढ़): ग्लोबल सिख काउंसिल (जीएससी) ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को मेघालय की राजधानी शिलांग में ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार को ध्वस्त करने से रोकने के लिए तत्काल व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने की अपील की है। काउंसिल ने कहा कि 1874 में स्थापित इस गुरुद्वारे का सिखों के लिए गहरा धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है और राज्य सरकार की अमानवीय शहरी विकास योजना के कारण यह अस्थान का अस्तित्व खतरे में है।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में जीएससी अध्यक्ष कंवलजीत कौर ओबीई ने कहा कि यह चिंताजनक है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित मेघालय सरकार ने शिलांग के बड़ा बाजार में दो शताब्दी पुराने गुरुद्वारा साहिब के साथ पंजाबी कॉलोनी को ध्वस्त करने का फैसला लिया है, जहां लगभग 340 परिवार रहते हैं। पंजाबी लेन (थम ल्यू मावलोंग) में स्थित इस गुरुद्वारे सहित अन्य धार्मिक स्थलों को भी सरकार की तथाकथित सौंदर्यीकरण परियोजना के तहत ध्वस्त करने की धमकी दी गई है।
गुरुद्वारा आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत का स्मारक
उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि इस क्षेत्र में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक स्मारक भी है, जो सिखों और क्षेत्र के समुदाय के बीच पुराने संबंधों का प्रतीक है। गुरु नानक देव जी की पूर्व यात्रा की स्मृति में बना यह गुरुद्वारा शांति, समानता और सार्वभौमिक भाईचारे के उस शाश्वत संदेश का भी प्रमाण है जो गुरु नानक देव जी ने दुनिया को दिया था। उन्होंने कहा कि इस गुरुद्वारे को तोड़ने से सिख कौम की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बड़ा झटका लगेगा।
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