नईदिल्ली। देश में कोरोना महामारी ने विकरालता और प्रकोप पूरी तरह दिखाना शरू कर दिया है। चारों ओर लोग त्राही त्राही कर रहेहैं। हर ओर कोरोना के कारण परेशान लोग देखे जा सकतेहैं। विडंबना यह है कि आक्सीजन, दवाइयां, बेड, वेंटिलेटर कुछ भी उपलब्ध नहीं है। जिससे लोग परेशान है। लेकिन अब तक गहरी नींद में रहने के बाद प्रधानमंत्री मोदी अब जागते दिख रहे हैं। चारों ओर केंद्र सरकार की आलोचना हो रही है। अव्यवस्था का आलम चरम पर है। इन सबके बीच आज पीएम ने आॅक्सीजन की उपलब्धता और इसकी आपूर्ति को लेकर गुरुवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और इस दौरान आॅक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाए जाने के रास्तों और विकल्पों पर चर्चा की। पीएमओ ने आज की बैठक के संबंध मेंजानकारी दी कि पीएम ने बैठक में प्रधानमंत्री ने आॅक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने, उसके वितरण की गति तेज करने और स्वास्थ्य सुविधाओं तक उसकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तेज गति से काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस बैठक में अधिकारियों ने बीतेकुछ सप्ताहों में आॅक्सीन की आपूर्ति बेहतर करने की दिशा में उठाए गए कदमों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया। बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री को बताया गया कि राज्यों की आॅक्सीजन की मांग और उसके अनुसार उसकी पर्याप्त आपूर्ति के लिए सभी राज्य सरकारों के साथ सहयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री को यह भी बताया गया कि कैसे राज्यों की आॅक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ रही है। बयान के मुताबिक 20 राज्यों की ओर से प्रतिदिन 6785 मीट्रिक टन तरल चिकित्सीय आॅक्सीजन की वर्तमान मांग के मुकाबले 21 अप्रैल से उन्हें 6822 मीट्रिक टन प्रतिदिन आवंटित की जा रही है। उपलब्धता 3300 मीट्रिक टन बढ़ी
बैठक के दौरान बताया गया कि पिछले कुछ दिनों में तरल चिकित्सीय आॅक्सीजन की उपलब्धता 3300 मीट्रिक टन प्रतिदिन बढ़ी है। इसमें निजी और सरकारी इस्पात संयंत्रों, उद्योगों, आॅक्सीजन उत्पादकतार्ओं का योगदान शामिल है। गैर-आवश्यक उद्योगों की आॅक्सीजन आपूर्ति पर रोक लगाकर भी आॅक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाई गई है।
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