नई दिल्ली। भारत चीन एलएसी पर तनाव और गतिरोध जारी है। चीन से तनाव केबीच अचानक आज पीएम नरेंद्र मोदी सुबह ही लेह पहुंच गए। शुक्रवार सुबह चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल विपिन रावत और थलसेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे के साथ लेह पहुंचे। भारत की चीन की आक्रामक पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ सीमा पर भारत की तैयारियों का जायजा लेने पीएम मोदी एलएसी पर पहुंचे। उनके पहुंचने से फ्रंट पर खड़े सैनिकों का हौसला बढ़ा दिया। कहा जा रहा है कि पीएम ने लेह का दौरा कर चीन को कठोर संदेश दिया। बिपिन रावत ने एक साथ 2017 में डोकलाम तनातनी के दौरान भी चीन का आक्रामकता का सामना किया था और चीन को पीछे हटने पर मजबूर किया था। पीएम मोदी को लेह में नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने निमू आर्मी हेडक्वॉर्टर में एलएसी की जानकारी दी। यह लेह का फॉर्वर्ड इलाका है। करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर देश के प्रधानमंत्री के पहुंचने को बहुत अहम माना जा रहा है। सेना के सर्वोच्च अधिकारियों के साथ पीएम मोदी का एलएसी पर पहुंचना सैनिकों को हौसला बढ़ानेवाला है। गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन को एलएसी पर तनाव कम करने की कोशिश करनी चाहिए। हालांकि चीन जल्दी से इसका समाधान निकातला नहीं दिखा रहा है।