PM Modi In Kerala, (आज समाज), नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केरल के भूस्खलन प्रभावित वायनाड जिले का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। गौरतलब है कि 29 और 30 जुलाई की दरम्यिानी रात को मूसलाधार बारिश के साथ हुए भारी भूस्खलन ने जिले के चार गांवोंं को लगभग पूरी तरह तबाह कर दिया है।
- केरल ने केंद्र से मांगी है 2,000 करोड़ रुपए की मदद
चूरलमाला, मुंडक्कई और पुंचिरीमट्टम का हवाई सर्वेक्षण किया
पीएम विशेष विमान से आज सुबह 11 बजे कन्नूर एयरपोर्ट पहुंचे और उसके बाद वह सवा ग्यारह बजे वायु सेना के हेलीकॉप्टर से वायनाड के लिए रवाना हुए। उन्होंने रास्ते में भूस्खलन से प्रभावित चूरलमाला, मुंडक्कई और पुंचिरीमट्टम गांवों का हवाई सर्वेक्षण किया। प्रधानमंत्री ने वो इलाके देखे जहां से 30 जुलाई की रात को तबाही शुरू हुई थी।
जीवीएचएस स्कूल वेल्लारमाला पहुंचे
पीएम का हेलीकॉप्टर वायनाड के कलपेट्टा में उतरा। फिर सबसे पहले वह सड़क मार्ग से जीवीएचएस स्कूल वेल्लारमाला पहुंचे जहां 582 छात्र थे और उनमें से 27 भूस्खलन के बाद लापता हैं। प्रधानमंत्री ने स्कूल में 15 मिनट बिताए और इस दौरान मुख्यमंत्री विजयन वे केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी से पूछा कि कितने बच्चों ने अपने परिवारों को खोया है।
भूस्खलन प्रभावित इलाकों में गए
कलपेट्टा से पीएम सड़क के रास्ते भूस्खलन प्रभावित इलाकों में गए और बचाव अभियान की जानकारी ली। उन्होंने राहत शिविरों व अस्पतालों में पीड़ितों से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी चूरलमाला में 190 फुट लंबे बेली ब्रिज पर भी गए, जिसे बचाव अभियान के दौरान सेना ने बनाया था। बता दें कि भूस्खलन के पीड़ितों से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री का सीएम पिनाराई विजयन और अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक का कार्यक्रम था। बैठक में उन्हें हादसे और रेस्क्यू आॅपरेशन के बारे जानकारी दी जाएगी। शाम में मोदी कन्नूर लौटेंगे और फिर दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे।
अब तक 400 से ज्यादा लोगों की मौत
वायनाड में 29 जुलाई की देर रात करीब 2 बजे और 30 जुलाई की सुबह 4 बजे के बीच मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में लैंडस्लाइड हुए थे। इसमें अब तक 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 138 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। सेना 9 दिन बचाव अभियान चलाने के बाद 8 अगस्त को वायनाड से लौट गई है। अभी NDRF बचाव अभियान चला रही है। वायनाड दौरे से एक दिन पहले शुक्रवार को केरल सरकार ने पुनर्वास और राहत-बचाव के काम के लिए केंद्र से 2,000 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मांगी थी।