PM Modi Today Visit Update, (आज समाज), कुवैत सिटी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे के तहत खाड़ी देश कुवैत (gulf country kuwait) पहुंच गए हैं। कुवैत के प्रथम उप प्रधानमंत्री, रक्षा एवं आंतरिक मंत्री शेख फहद यूसुफ सऊद अल-सबा ने उनका जोरदार स्वागत किया। पीएम भारतीय समुदाय से मिलेंगे और कुवैती नेतृत्व से बातचीत करेंगे। उन्होंने रामायण और महाभारत के अरबी भाषा में अनुवाद करने वाले दो अनुवादकों से मुलाकात की।
पीएम मोदी ने कुवैत पहुंचने के बाद अब्दुल्ला अल बरून और अब्दुल लतीफ अल नेसेफ से भी मुलाकात की। बता दें कि अब्दुल्ला अल बरून ने ही रामायण और महाभारत दोनों का अरबी में अनुवाद किया था। वहीं अब्दुल लतीफ अल नेसेफ से ने रामायण और महाभारत के अरबी संस्करण प्रकाशित किए थे। पीएम मोदी अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में इसका जिक्र कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कुवैत में रहने वाले 101 वर्षीय सेवानिवृत्त भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी मंगल सेन हांडा से भी मुलाकात की। सेवानिवृत्त अधिकारी ने सोशल मीडिया पर अनुरोध किया था कि वह पीएम मोदी से मिलना चाहेंगे। यह 43 वर्षों में किसी भारतीय पीएम की पहली यात्रा है। इससे पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1981 में कुवैत की यात्रा की थी।
विदेश मंत्रालय में सचिव (प्रवासी भारतीय मामले) अरुण कुमार चटर्जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान भारत-कुवैत रक्षा व व्यापार सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में रिश्ते मजबूत करने पर फोकस कर सकते हैं। उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच अधिक गतिशील साझेदारी विकसित करने में मदद करेगी। विदेश मंत्रालय में सचिव ने बताया है कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कुछ द्विपक्षीय दस्तावेजों को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। उनकी इस ऐतिहासिक यात्रा से न केवल मौजूदा क्षेत्रों में साझेदारी मजबूत होगी, बल्कि भविष्य में सहयोग के लिए नए रास्ते भी खुलेंगे। इसके अलावा हमारे साझा मूल्यों को मजबूती मिलेगी और भविष्य के लिए और अधिक मजबूत तथा गतिशील साझेदारी बनेगी।
अरुण चटर्जी ने कहा कि इस यात्रा से भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के बीच संबंधों को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है। बता दें कि जीसीसी एक प्रभावशाली समूह है, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर और कुवैत शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में जीसीसी देशों के साथ भारत का कुल व्यापार 184.46 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। कुवैत जीसीसी का वर्तमान अध्यक्ष है।
कुवैत भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है, जिसका वित्तीय वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 10.47 बिलियन अमरीकी डॉलर है। इसके अलावा कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है, जो देश की ऊर्जा जरूरतों का 3 प्रतिशत पूरा करता है। कुवैत को भारतीय निर्यात पहली बार 2 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया है, जबकि भारत में कुवैत निवेश प्राधिकरण द्वारा किया गया निवेश 10 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक है। भारत और कुवैत के बीच पारंपरिक रूप से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, जो तेल-पूर्व कुवैत से जुड़े हैं, जब भारत के साथ समुद्री व्यापार इसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ था।
भारतीय रुपया 1961 तक कुवैत में वैध मुद्रा बना रहा, जो स्थायी आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध औपचारिक रूप से 1961 में स्थापित हुए, जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व शुरू में एक व्यापार आयुक्त द्वारा किया गया था। अमीर शेख सबा अल अहमद अल जबर अल सबा जुलाई 2017 में एक निजी यात्रा पर भारत आए थे। दोनों पक्षों की ओर से आखिरी उच्च-स्तरीय यात्रा 2013 में कुवैत के प्रधान मंत्री की भारत यात्रा थी।
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