आज समाज डिजिटल, वाराणसी,(PM Modi Varanasi Visit Update): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सरकार ने देश को वैश्विक लक्ष्य से पहले टीबी की बीमारी से मुक्त करने का टारगेट रखा है। उन्होंने बताया कि 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का संकल्प लिया गया है। लक्ष्य से पहले टीबी हारेगा और भारत जीतेगा, दुनिया जीतेगी। बता दें कि विश्व में टीबी से मुक्ति का लक्ष्य 2030 तक है। पीएम ने बताया कि सरकार ने लोगों से टीबी से लड़ने के लिए नि-क्षय मंत्र बनने को कहा है। दरअसल मोदी शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर थे और सुबह यहां पहुंचने के बाद सबसे पहले उन्होंने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ को संबोधित किया।
काशी को 17.80 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात
मोदी ने कहा कि भारत टीबी को टारगेट से पहले हराएगा। इस कार्यक्रम के अलावा पीएम ने क्षेत्र में 17.80 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया। उन्होंने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में बटन दबाकर राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और उच्च रोकथाम प्रयोगशाला, वाराणसी शाखा का शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने कहा, वर्ष 2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच व अप्रोच के साथ टीबी से मुक्ति पाने के लिए काम करना शुरू किया है, वह वाकई अभूतपूर्व है।
‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ के जरिए भारत का एक और संकल्प
पूरे विश्व को भारत के ये प्रयास इसलिए भी जानने चाहिए क्योंकि ये टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है। मोदी ने यह भी कहा कि काशी नगरी, वो शाश्वत धारा है, जो हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी रही है। भारत ने कुछ ही समय पहले ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के विजन को भी आगे बढ़ाने की पहल की है और अब, ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ के जरिए भारत एक और संकल्प को पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा, काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो जब सबका प्रयास होता है तो नया रास्ता भी निकलता है। मुझे विश्वास है कि टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ हमारे वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी।
भारत की विचारधारा का प्रतिबिंब वसुधैव कुटुंबकम
पीएम ने कहा, टीबी के खिलाफ लड़ाई में, भारत ने जो बहुत बड़ा काम किया है, वो जनभागीदारी है। एक देश के तौर पर भारत की विचारधारा का प्रतिबिंब वसुधैव कुटुंबकम यानी ‘पूरी दुनिया एक परिवार है’ की भावना में झलकता है। ये प्राचीन विचार आज आधुनिक विश्व को एकीकृत दृष्टि और एकीकृत समाधान दे रहा है, इसलिए भारत ने जी20 की थीम भी ‘एक दुनिया एक परिवार एक भविष्य’रखी है।
भारत में टीबी मरीजों को गोद ले रहे लोग
मोदी ने कहा कि विदेश से आए अतिथियों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में टीबी मरीजों को लोग गोद ले रहे हैं। इसे भारत में निक्षय मित्र कहा जाता है। उन्होंने कहा, मैं आपका आभारी हूं कि आज आपने काशी के पांच लोगों को गोद लिया। टीबी मरीजों के पोषण के लिए 2018 में डीबीटी के लिए 2000 करोड़ उनके बैंक खाते में भेजे गए और इससे करीब 75 लाख मरीजों को लाभ पहुंचा है।
कोई भी इलाज से छूटे नहीं इसके लिए नई रणनीति पर काम
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी इलाज से छूटे नहीं इसके लिए हमने नई रणनीति पर काम शुरू किया है। उन मरीजों को हमने आयुष्मान कार्ड से जोड़ा है। लैब की संख्या बढ़ाई है। इस कड़ी में आज हम टीबी मुक्त पंचायत की घोषणा की जा रही है। उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था के तहत अब तीन महीने ही मरीजों को दवा लेनी होगी।
आईसीएमआर के साथ मिलकर निक्षय पोर्टल भी बनाया
टीबी के रोगियों को ट्रैक करने के लिए आईसीएमआर के साथ मिलकर निक्षय पोर्टल भी बनाया गया है। पीएम ने कहा, कोविड काल से ही हम स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने में जुटे हैं। आज टीबी के लिए 80 फीसदी दवाएं भारत में बनती है। सरकार के इन्हीं प्रयासों के कारण आज भारत में इस रोग के मरीजों की संख्या कम हो रही है। कर्नाटक और जम्मू कश्मीर को टीबी मुक्त करने के लिए पुरस्कार दिया गया है।
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