Aaj Samaj (आज समाज), PM Modi Uttarakhand Visit, देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड के दौरे पर हैं और सुबह राज्य के पिथौरागढ़ पहुंचकर उन्होंने आदि कैलाश पर्वत के दर्शन किए। उन्होंने यहां आध्यात्मिक महत्त्व के पार्वती कुंड में पूजा-अर्चना, आरती की, डमरू व शंख बजाया। आदि कैलाश पिथौरागढ़ जिले के जोलिंगकोंग इलाके में पड़ता है और यहां से 20 किमी की दूरी के बाद चीन बॉर्डर शुरू हो जाता है। नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने उत्तराखंड से लगी भारत-चीन सीमा पर आदि कैलाश पर्वत के दर्शन किए हैं।
- कैलाश पर्वत के दर्शन करने वाले नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री
अल्मोड़ा में मंदिर जाने के बाद जनसभा को करेंगे संबोधित
पिथौरागढ़ के बाद पीएम मोदी अल्मोड़ा के मंदिर में भी दर्शन-पूजा करेंगे। फिर वहां वह एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार प्रधानमंत्री सेना, आईटीबीपी और बीआरओ कर्मियों के साथ स्थानीय लोगों से बातचीत करने के लिए पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव भी जाएंगे। गांव में पीएम स्थानीय कला और उत्पादों की एक प्रदर्शनी भी देखेंगे।
11 से था दौरा, किसी वजह से एक दिन किया गया
पीएम मोदी का 11 अक्टूबर से उत्तराखंड दौरे पर जाने का कार्यक्रम था, लेकिन किसी वजह से उनका दौरा एक दिन कर दिया गया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इसकी पुष्टि की थी। उत्तराखंड के दौरे को लेकर खुशी जताते हुए पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, देवभूमि उत्तराखंड के जन-जन के कल्याण और राज्य के तेज विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।
पिथौरागढ़ को देंगे 4200 करोड़ रुपए की सौगात
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को और गति देने के लिए पिथौरागढ़ जिले में कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करूंगा। उन्होंने कहा, यहां के गुंजी गांव में लोगों से संवाद का मौका भी मिलेगा। पीएम ने कहा कि अपने इस दौरे में उन्हें पार्वती कुंड के अलावा जागेश्वर धाम में दर्शन और पूजन की भी उत्सुकता से प्रतीक्षा है।
बड़े धर्म नगर शिव धाम के रूप में विकसित होगा गुंजी गांव
उत्तराखंड में धारचूला से 70 किलोमीटर दूर और 14000 फीट ऊपर बसा छोटा सा वीरान गांव गुंजी दो साल में बड़े धर्म नगर शिव धाम के रूप में विकसित हो जाएगा। कैलाश व्यू प्वाइंट, ओम पर्वत और आदि कैलाश के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का धारचूला के बाद यही सबसे बड़ा और अहम पड़ाव होगा। यहां बड़े यात्री निवास, होटल बनेंगे। भारतीय टेलीकॉम कंपनियों का नेटवर्क भी मिलेगा। गांव में होम स्टे बढ़ाए जाएंगे।
गुंजी में न भूस्खलन का खतरा, न बाढ़ का
गुंजी व्यास घाटी की उस सुरक्षित जमीन पर है, जहां न भूस्खलन का खतरा है और न ही बाढ़ का। अभी यहां 20 से 25 परिवार ही रहते हैं, जो बमुश्किल अपना खर्च चला पाते हैं। पिथौरागढ़ डीएम रीना जोशी का कहना है कि गुंजी के दाएं तरफ से नाभीढांग, ओम पर्वत और कैलाश व्यू प्वाइंट का रास्ता, तो बाएं से आदि कैलाश और जौलीकॉन्ग का रास्ता जाता है, इसलिए ये गांव कैलाश तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मुफीद है।
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