Aaj Samaj (आज समाज), PM Modi UAE Visit, अबू धाबी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ्रांस के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भी जोरदार स्वागत किया गया। फ्रांस के दो दिवसीय दौरे के बाद शनिवार को अबू धाबी पहुंचे मोदी को वहां सेरेमोनियल वेलकम दिया गया। इसी के साथ राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने अबु धाबी स्थित राष्ट्रपति भवन में मोदी का स्वागत किया और उनकी कलाई पर फ्रेंडशिप बैंड बांधा।
- भारत-यूएई के संबंध पहले से काफी बेहतर : मोदी
- दोनों देशों के बीच ट्रेड 8 लाख करोड़ तक पहुंचेगा
- सम्मान के लिए पीएम मोदी ने किया यूएई का धन्यवाद
कई एमओयू पर भी हस्ताक्षर भी किए गए
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बैठक भी हुई और पीएम मोदी व यूएई के राष्ट्रपति की मौजूदी में कई एमओयू पर भी हस्ताक्षर भी किए गए। रणनीतिक साझेदारी पर भी चर्चा हुई व एक दूसरे की करेंसी में व्यापार करने पर भी दोनों पक्षों में समझौता हुआ है। बैठक के बाद साझा बयान में मोदी ने कहा, भारत-यूएई के संबंध पहले से काफी बेहतर हुए हैं। हर भारतीय अब यूएई को सच्चे दोस्त की तरह देखता है। उन्होंने कहा, हमारा बाइलेट्रल ट्रेड 20 फीसदी तक बढ़ा है। दोनों देशों के बीच का ट्रेड 85 अरब डॉलर यानी करीब छह लाख करोड़ रुपए पहुंच चुका है और जल्द यह 100 अरब डॉलर यानी आठ लाख करोड़ रुपए तक पहुंचेगा।
मोदी ने अबू धाबी नेशनल आयल कंपनी के ग्रुप सीईओ के साथ भी की बैठक
पीएम मोदी ने अबू धाबी पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने सीओपी-28 यूएई के अध्यक्ष और अबू धाबी नेशनल आयल कंपनी के ग्रुप सीईओ डॉक्टर सुल्तान अल जाबेर के साथ भी बैठक की। डॉक्टर जाबेर ने प्रधानमंत्री को आगामी सीओपी-28 के बारे में जानकारी दी। साथ ही, पीएम ने यूएई की सीओपी-28 की अध्यक्षता के लिए भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। बता दें कि रूस, सऊदी अरब और इराक के बाद यूएई भारत का चौथा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है।
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का यूएई का यह पांचवां दौरा
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का यूएई का यह पांचवां दौरा था। उन्होंने इससे पहले 2015, 2018, 2019 और 2022 में अरब देश की यात्रा की थी। साल 2019 में मोदी को यूएई ने अपने सर्वोच्च सम्मान ‘आॅर्डर आॅफ जायद’ से सम्मानित किया था। यूएई में इस साल नवंबर-दिसंबर में सीओपी-28 समिट होनी है और इसके लिए मोदी को आमंत्रित किया गया है। मोदी ने आमंत्रण के लिए यूएई का धन्यवाद किया।
भारत के खिलाफ कश्मीर पर बोलने से बचता है यूएई
पाकिस्तान से अच्छे संबंध होने के बावजूद यूएई कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ कोई भी बयान देने से बचता है। 2019 में जब भारत ने कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म किया तो यूएई ने इसे भारत का आंतरिक मसला बताया था, जबकि पाकिस्तान भारत के इस एक्शन पर अरब देशों से कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहा था। यूएई-पाक की दोस्ती का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि यूएई ने पाकिस्तान को भंडार बढ़ाने के लिए 1 अरब अमेरिकी डॉलर की मदद की है। इससे पहले भी यूएई पाकिस्तान को कर्ज देकर मदद कर चुका है।
संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार है। इसमें यूएई ने भारत से 2 लाख करोड़ का आयात किया है। भारत का यूएई के साथ वित्तीय घाटा है। यानी भारत यूएई से आयात ज्यादा करता है और निर्यात कम। भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में यूएई से 4 लाख करोड़ रुपए का आयात किया है। भारत यूएई के साथ एक ट्रेड पैक्ट पर भी साइन किया था। यूएई को भारत के प्रमुख एक्सपोर्ट में पेट्रोलियम प्रोडक्ट, मेटल, स्टोन, जेम्स एंड ज्वैलरी, मिनरल्स, फूड आइटम जैसे अनाज, चीनी, फल और सब्जियां, चाय, मांस और सीफूड, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग मशीनरी प्रोडक्ट और कैमिकल्स शामिल हैं।
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