नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने विश्व के सभी देशों को अपनी चपेट में लिया। लाखों लोग इसकी जद में आकर अपना जीवन भी खो चुके। लाखोंलोगों को इस बीमारी ने हैरान परेशान किया। अब इस बीमारी से बचने के लिए टीके का इजाद कर लिया गया है। भारत में शनिवार से कोविड का टीका लगना शुरू होगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि टीकाकरण के प्रथम चरण में तीन करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा। इनमें सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं। उन्होंने साफ किया था कि इसमें कोई जन प्रतिनिधि समेत कोई भी छलांग लगाने की कोशिश न करे। मुख्यमंत्रियों की बैठक मेंसभी सांसदों और विधायकों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाने के प्रस्ताव रखा गया था जिसे प्रधानमंत्री ने सिरे से ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा था कि यह लोगों को बहुत बुरा संकेत देगा। गौरतलब है कि पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा था कि सांसदों और विधायकों को प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 टीका दिया जाना चाहिए। सांसद और विधायक भी वायरस से निपटने में अग्रिम पंक्ति में हैं और वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों के साथ बातचीत करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले विधायकों और सांसदों को टीका लगाने का प्रस्ताव ठुकराया दिया है। मोदी ने स्पष्ट किया कि पहले चरण में तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका दिया जाएगा। इस चरण में पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। दूसरे चरण में 50 साल से ऊपर और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को इसमें जोड़ा जाएगा। इनकी संख्या 27 करोड़ रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले चरण के खत्म होने तक कई और वैक्सीन भी हमारे पास होंगी। हम फिर उन पर विचार करेंगे। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को एक खास हिदायत भी दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकाकरण अभियान में इस बात का खास तौर पर ख्याल रखा जाए कि कोई नेता लाइन नहीं तोड़ने पाए। जन प्रतिनिधियों को भी टीका तभी लगे, जब उनकी बारी आए।