PM Modi Reached At Kazan, (आज समाज), मास्को: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस पहुंच गए हैं और वहां कजान शहर में उनका जोरदार स्वागत किया गया। बता दें कि मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) की अध्यक्षता में आयोजित 16वें ब्रिक्स सम्मेलन (16th BRICS Summit) में भाग लेने के लिए आज सुबह नई दिल्ली से कजान के लिए रवाना हुए थे।
- तमाम देशों के नेताओं संग द्विपक्षीय वार्ता करेंगे मोदी
पीएम का केक व लड्डू से स्वागत
पीएम मोदी दोपहर में कजान हवाई अड्डे (Kazan Airport) पर उतरे जहां तीन युवतियां केक व लड्डू लेकर पहुंची और भारतीय पीएम का भव्य स्वागत किया। मोदी ने तीनों लड़कियों व उनके साथ मौजूद अन्य सदस्यगण का हाथ जोड़कर अभिवादन स्वीकार किया। बता दें कि मोदी के वेलकम के लिए कई अधिकारी भी हवाई अड्डे पर मौजूद थे। इस दौरान भारतीय पीएम काले रंग के कुर्ते व जैकेट में नजर आए।
एयरपोर्ट के बाद पीएम मोदी कजान के कोर्स्टन होटल पहुंचे और वहां भी भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। वहां होटल के बाहर बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग होटल खड़े थे। भारतीय महिलाएं साड़ी व अन्य पारंपरिक परिधानों में मोदी की एक झलक पाने के लिए वहां मौजूद थीं।
चार महीने में रूस का यह दूसरा दौरा
पीएम मोदी का बीते लगभग चार महीने में रूस का यह दूसरा दौरा है। बता दें कि बीते 8-9 जुलाई को भी मोदी द्विपक्षीय दौरे पर रूस गए थे। तब उनके व राष्ट्रपति पुतिन के बीच तमाम मुद्दों पर लंबी चर्चा हुई थी। 16वें ब्रिक्स सम्मेलन में ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों भारत, चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के साथ चार नए सदस्य भी इस बार भाग लेंगे। पीएम मोदी समिट में भाग लेने आए तमाम देशों के नेताओं संग द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।
जिनपिंग के साथ होने वाली मुलाकात सबसे महत्वपूर्ण
इसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ होने वाली मुलाकात सबसे महत्वपूर्ण है। इसका कारण पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत-चीन के बीच बीते करीब 4 साल से चल रहे गतिरोध को खत्म करने को लेकर इसी सोमवार को बनी सहमति है। भारत के बाद चीन ने भी आज इस पर समझौते की पुष्टि कर दी। है।
चीन संग गतिरोध खत्म करना बड़ी कामयाबी
चीन संग गतिरोध खत्म करने को ब्रिक्स के नजरिये से बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। बता दें कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ब्रिक्स देशों को प्रभावी बनाना चाहते हैं, पर इसकी मजबूती और विस्तार में सबसे बड़ी बाधा भारत-चीन के बीच रहे विवाद हैं। देनों देशों में भरोसे की कमी के कारण भी ब्रिक्स प्रभावी नहीं बन पाया है। ऐसे में नई दिल्ली और बीजिंग के बीच विवाद खत्म होने से ब्रिक्स की मजबूती को नई रफ्तार मिल सकती है।
भारत-रूस के दशकों पुराने रिश्ते
बता दें कि भारत के रूस के साथ दशकों पुराने रिश्ते हैं और यदि चीन के साथ भी नई दिल्ली के रिश्ते अच्छे हो जाते हैं तो तीनों शक्तियां विश्व की दिशा तय करने की ताकत रखती हैं। एयरपोर्ट पर पीएम मोदी की बॉडी लैंगुएज से लग रहा था कि चीन से विवाद खत्म होने से उन्हें काफी सुकून मिला है। अब जिनपिंग संग उनकी मुलाकात पर सबकी निगाहें।
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