PM Modi: प्रधानमंत्री दो दिवसीय दौरे पर कुवैत रवाना, प्रगाढ़ होंगे दोनों देशों के रिश्ते

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PM Modi: प्रधानमंत्री 2 दिवसीय दौरे पर कुवैत रवाना, मजबूत होंगे दोनों देशों के रिश्ते
PM Modi: प्रधानमंत्री 2 दिवसीय दौरे पर कुवैत रवाना, मजबूत होंगे दोनों देशों के रिश्ते

Prime Minister Narendra Modi Kuwait Visit, (आज समाज), नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खाड़ी देश कुवैत के दो दिवसीय दौरे पर रवाना हो गए हैं। कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निमंत्रण पर वह वहां जा रहे हैं। यात्रा का मकसद से भारत और खाड़ी देश के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करना है। बता दें कि भारतीय समुदाय कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है।

कुवैत में प्रधानमंत्री का यह रहेगा शेडयूल

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पीएम मोदी की कुवैत यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय शुरू करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री अपने इस दौरे के दौरान कुवैती नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे। इसके अलावा वह भारतीय श्रम शिविर जाएंगे और भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। पीएम खाड़ी कप फुटबॉल टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में भी भाग लेंगे। कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह से मिलने के अलावा पीएम मोदी कुवैती क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री से भी बातचीत करेंगे। कुवैती क्राउन प्रिंस मोदी के लिए एक भोज का आयोजन भी करेंगे।

43 वर्षों में किसी भारतीय पीएम की यह पहली यात्रा

बता दें कि बीते 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की खाड़ी देश की यह पहली यात्रा होगी। इससे पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1981 में कुवैत की यात्रा की थी। विदेश मंत्रालय में सचिव (प्रवासी भारतीय मामले) अरुण कुमार चटर्जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान भारत-कुवैत रक्षा व व्यापार सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में रिश्ते मजबूत करने पर फोकस कर सकते हैं। उनकी  यह यात्रा दोनों देशों के बीच अधिक गतिशील साझेदारी विकसित करने में मदद करेगी।

कुछ द्विपक्षीय दस्तावेजों को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद

अरुण चटर्जी ने बताया है कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कुछ द्विपक्षीय दस्तावेजों को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। उनकी इस ऐतिहासिक यात्रा से न केवल मौजूदा क्षेत्रों में साझेदारी मजबूत होगी, बल्कि भविष्य में सहयोग के लिए नए रास्ते भी खुलेंगे। इसके अलावा हमारे साझा मूल्यों को मजबूती मिलेगी और भविष्य के लिए और अधिक मजबूत तथा गतिशील साझेदारी बनेगी।

जीसीसी के बीच संबंधों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद

अरुण चटर्जी ने कहा कि इस यात्रा से भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के बीच संबंधों को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है। बता दें कि जीसीसी एक प्रभावशाली समूह है, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर और कुवैत शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में जीसीसी देशों के साथ भारत का कुल व्यापार 184.46 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। कुवैत जीसीसी का वर्तमान अध्यक्ष है।

श्रमिकों महत्व देती है भारत सरकार

अरुण चटर्जी ने कहा कि भारत जीसीसी के साथ मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहा है और हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष इसे पूरा कर पाएंगे। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री के श्रम शिविर के दौरे का उद्देश्य यह दर्शाना है कि भारत सरकार हमारे श्रमिकों को कितना महत्व देती है। जून में दक्षिणी कुवैत के मंगाफ इलाके में विदेशी श्रमिकों के आवास वाली एक इमारत में लगी भीषण आग में 45 से अधिक भारतीय मारे गए थे।

कुवैत भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक

कुवैत भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है, जिसका वित्तीय वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 10.47 बिलियन अमरीकी डॉलर है। इसके अलावा कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है, जो देश की ऊर्जा जरूरतों का 3 प्रतिशत पूरा करता है। कुवैत को भारतीय निर्यात पहली बार 2 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया है, जबकि भारत में कुवैत निवेश प्राधिकरण द्वारा किया गया निवेश 10 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक है। भारत और कुवैत के बीच पारंपरिक रूप से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, जो तेल-पूर्व कुवैत से जुड़े हैं, जब भारत के साथ समुद्री व्यापार इसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ था।

कुवैत की अर्थव्यवस्था इसके बेहतरीन बंदरगाह और समुद्री गतिविधियों के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिसमें जहाज निर्माण, मोती गोताखोरी, मछली पकड़ना और खजूर, अरबी घोड़े और मोती लेकर लकड़ी के ढो पर भारत की यात्राएं शामिल थीं, जिनका लकड़ी, अनाज, कपड़े और मसालों के बदले व्यापार किया जाता था। दोनों देशों के बीच संबंधों पर नजर रखने वाले लोगों का यह कहना है।

भारतीय रुपया 1961 तक कुवैत में वैध मुद्रा बना रहा

भारतीय रुपया 1961 तक कुवैत में वैध मुद्रा बना रहा, जो स्थायी आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध औपचारिक रूप से 1961 में स्थापित हुए, जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व शुरू में एक व्यापार आयुक्त द्वारा किया गया था। अमीर शेख सबा अल अहमद अल जबर अल सबा जुलाई 2017 में एक निजी यात्रा पर भारत आए थे। दोनों पक्षों की ओर से आखिरी उच्च-स्तरीय यात्रा 2013 में कुवैत के प्रधान मंत्री की भारत यात्रा थी।

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