Aaj Samaj (आज समाज), PM Modi On Pongal, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिल हिंदुओं के प्रमुख त्योहार पोंगल पर देशवासियों को बधाई दी। चार दिन चलने वाले उत्सव में हिस्सा लेने के लिए पीएम रविवार को राज्य मंत्री एल मुरुगन के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचे। इस दौरान वह दक्षिण भारतीय लुंगी पहने नजर आए।
इंटरनेट पर सामने आया वीडियो
प्रधानमंत्री का अनुष्ठान करते हुए इंटरनेट पर एक वीडियो सामने आया जिसमें देखा जा सकता है कि वह काले कोट के साथ सफेद लुंगी पहने हुए हैं और अपने बाएं कंधे पर उन्होंने एक शॉल रखी है। पीएम मोदी ने इस अवसर पर पोंगल के बधाई संदेश में कहा, आप सभी को पोंगल पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएं। उन्होंने कहा, पोंगल के पवित्र दिन तमिलनाडु के हर घर से पोंगल धारा का प्रवाह होता है और मेरी कामना है कि उसी तरह आपके जीवन में भी निरंतर सुख, समृद्धि और संतोष की धारा का प्रवाह होता रहे।
पर्व पर ताजी फसल को भगवान के चरणों में समर्पित करने की परंपरा
प्रधानमंत्री ने कहा, पोंगल पर्व में ताजी फसल को भगवान के चरणों में समर्पित करने की परंपरा है और इस पूरी उत्सव परंपरा के केंद्र में हमारे किसान हैं। वैसे भी भारत का हर त्योहार किसी न किसी रूप में गांव से, किसानी से, और फसल से जुड़ा होता है। पीएम ने कहा, संत तिरुवल्लुर ने कहा है कि अच्छी फसल, शिक्षित लोग और ईमानदार व्यापारी मिलकर राष्ट्र का निर्माण करते हैं। यह परंपरा है कि पोंगल पर पहली फसल भगवान को अर्पित की जाती है। इस परंपरा के केंद्र में हमारा अन्नदाता है।
दक्षिण भारत का प्रमुख पर्व है पोंगल
पोंगल दक्षिण भारत का एक प्रमुख पर्व है। यह पर्व मुख्य रूप से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में मनाया जाता है। समय के साथ इसे भारत के अन्य क्षेत्रों में भी धूमधाम से मनाया जाने लगा है। ऐसी मान्यता है कि पोंगल के दिन से ही तमिल नववर्ष की शुरुआत होती है, इसलिए दक्षिण भारत के लोग इस पर्व को नए साल के रूप में मनाते हैं। इस दौरान घरों की साफ-सफाई और लिपाई-पुताई करके घर में रंगोली बनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि दक्षिण भारतीय लोग इस अवसर पर बुरी आदतों का त्याग करते हैं और अपने सुखी जीवन की कामना करते हैं।
सूर्य देव को उबालकर गुड़-चावल चढ़ाने की परंपरा
उत्तर भारत में जिस समय मकर संक्रांति व लोहड़ी मनाई जाती है, ठीक उसी समय दक्षिण भारत के लोग पोंगल मनाते हैं। यह पाच 4 दिन चलता है। तमिल में पोंगल का अर्थ उबालनाहोता है। इसका दूसरा अर्थ नया साल भी है। इस दिन गुड़ व चावल को उबालकर सूर्य देव को चढ़ाया जाता है। इस प्रसाद को ही पोंगल कहा जाता है। पहला दिन भोगी पोंगल के रूप में जाना जाता है। इस दिन इंद्र देव को खुश करने के लिए पूजा की जाती है। दूसरे दिन को सूर्य पोंगल, तीसरे दिन माट्टू पोंगल और चौथे दिन को कन्नम पोंगल के रूप में मनाया जाता है।
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