Aaj Samaj (आज समाज), PM Modi On Artifical Intelligence, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत के नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए हमारे डिजिटल परिवर्तन को गति देने वाले सभी सहयोगों का हम स्वागत करते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म ओपनएआई के सीईओ सैम आल्टमैन के साथ मुलाकात के बाद पीएम ने ट्वीट कर यह बात कही है। गौरतलब है कि अल्टमैन इन दिनों भारत के दौरे पर हैं और इस दौरान वह भारत के एआई प्रोग्राम पर बात कर रहे हैं।
- मोदी से मिले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म ओपनएआई के सीईओ
- भारत के डिजिटल परिवर्तन को रफ्तार देने वाले सभी सहयोगों का स्वागत : मोदी
डिजिटल इंडिया बिल में एआई को रेगुलेट करना चाहती सरकार
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र (विशेष रूप से युवाओं के बीच) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की क्षमता बहुत बड़ी है और हम उन सभी सहयोगों का स्वागत करते हैं जो भारतीयों को सशक्त बनाने के मकसद से हमारे डिजिटल परिवर्तन को गति दे सकते हैं। पीएम मोदी और चैटजीपीटी बनाने वाले आल्टमैन के बीच मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब भारत सरकार एक डिजिटल इंडिया बिल में एआई को रेगुलेट करना चाहती है। इस विधेयक को आईटी एक्ट से बदल दिया जाएगा।
चैटजीपीटी पर भी की बात : आल्टमैन
दिल्ली के इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट आफ इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी में एक कार्यक्रम के दौरान आल्टमैन ने बताया कि उनकी पीएम मोदी के साथ बैठक बहुत अच्छी रही और पीएम मोदी एआई को लेकर वास्तव में उत्साहित व विचारशील थे। अल्टमैन ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी के साथ भारत में एआई के अवसरों और उसके रेगुलेशन के बारे में भी बात की। देश को क्या करना चाहिए इस पर भी बात की। उन्होंने बताया कि मैंने पूछा कि भारत ने चैटजीपीटी को इतनी जल्दी और इतना ज्यादा क्यों अपना लिया। प्रधानमंत्री के पास इसके शानदार जवाब थे।
एआई के लिए रेगुलेटरी सेटअप वैश्विक मुद्दा
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि जब चैटजीपीटी और बार्ड जैसे प्लेटफॉर्म की बात आती है तो कॉपीराइट और एल्गोरिथम को लेकर चिंताएं सामने आती हैं। पूरी दुनिया देख रही है कि एआई के लिए रेगुलेटरी सेटअप और फ्रेमवर्क क्या होना चाहिए?
रेल मंत्री ने कहा था कि जी-7 देशों के डिजिटल मंत्री गंभीर रूप से चिंतित हैं कि इसके लिए फ्रेमवर्क क्या होना चाहिए? इसलिए यह किसी एक देश का मुद्दा नहीं बल्कि यह वैश्विक मुद्दा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय नजरिए से देखा जाना चाहिए। एआई प्लेटफॉर्म के बढ़ते प्रभाव को विभिन्न देश देख रहे हैं। भारत में एआई से रिलेटेड कानून अन्य समान विचारधारा वाले देशों के साथ मिलकर तैयार किया जाएगा।
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