Aaj Samaj (आज समाज), PM Modi Meeting, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया है कि कुछ विपक्षी दल 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा चूक मामले का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, जिन लोगों ने संसद की सुरक्षा में सेंधमारी की वारदात को अंजाम दिया, कुछ दल उनके समर्थन में आवाज उठा रहे हैं, जो बेहद खतरनाक है। ऐसा करके विपक्ष ने, विपक्ष में ही बने रहने का मन बना लिया है। बता दें कि संसद पर हुए हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को दो संदिग्ध दर्शक दीर्घा से उस समय लोकसभा कक्ष के अंदर कूद गए थे, जब संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही चल रही थी। दोनों आरोपियों ने सदन के अंदर स्प्रे छिड़कर धुआं-धुआं कर दिया था, जिससे अफरा-तफरी मच गई थी। हालांकि अंदर मौजूद सांसदों ने दोनों संदिग्धों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया था।
- अपनी हार से हताश व निराश हैं विपक्षी पार्टियां
- आरोपियों का समर्थन करना बेहद खतरनाक
- घुसपैठ करने वालों की निंदा करनी चाहिए
समर्थन करने वाली विपक्षी पार्टियों को घेरा
विपक्षी दल इस वारदात के बाद से लगातार संसद के दोनों सदनों में हंगामा कर रहे हैं, जिससे कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है। विपक्ष के लगातार हंगामे से निपटने के लिए रणनीति बनाने पर चर्चा के मकसद से मंगलवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई और इस दौरान पीएम मोदी ने सांसदों को संबोधित करते हुए संसद की सुरक्षा चूक का समर्थन करने वाली विपक्षी पार्टियों को घेरा।
राहुल गांधी ने बेरोजगारी और महंगाई को ठहराया था दोषी
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में संसद सुरक्षा चूक के लिए बेरोजगारी और महंगाई को दोषी ठहराया था। इसे लेकर प्रधानमंत्री ने संसद लाइब्रेरी परिसर में आयोजित संसदीय दल की बैठक में कहा कि लोकतंत्र में भरोसा करने वाले हर व्यक्ति को संसद परिसर में हुई घुसपैठ की घटना की निंदा करनी चाहिए, लेकिन कुछ पार्टियां सुरक्षा चूक के मामले को सपोर्ट कर रही हैं। उन्होंने संसद में विरोध प्रदर्शन को लेकर भी विपक्षी दलों पर निशाना साधा। मोदी ने कहा, विपक्षी दल हालिया विधानसभा चुनावों में अपनी हार से हताश और निराश हैं और इसलिए भी वे संसद की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं।
विपक्षी सांसद शामिल होंगे या नहीं, इससे फर्फ नहीं पड़ता
प्रधानमंत्री ने बीजेपी सदस्यों से गरिमा बनाए रखने और लोकतांत्रिक आचरण करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संसद में विपक्षी सांसद शामिल होंगे या नहीं, इससे फर्फ नहीं पड़ता। हमें जरूर शामिल होना है। कुछ बिल बहुत महत्वपूर्ण है, जिन पर चर्चा होना चाहिए। अगर विपक्ष चर्चा में शामिल होता तो अच्छी बात होती, लेकिन शायद अच्छे काम उनके भाग्य में नहीं है। संसदीय दल की बैठक में पीएम के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए। ऐसी चचार्एं हैं कि मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्षी गठबंधन के सांसद सामूहिक इस्तीफा दे सकते हैं।
49 और सांसद सस्पेंड, कुल 141 निलंबित
बता दें कि विपक्षी पार्टियां संसद की सुरक्षा में सेंध की वारदात पर चर्चा के साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे हैं। लगातार हंगामे और नियमों के उल्लंघन के आरोप में मंगलवार को लोकसभा से 49 और सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया, जिसके बाद बीते सप्ताह से दोनों सदनों से निलंबित किए गए सांसदों की संख्या 141 हो गई। 78 सांसद सोमवार को और 14 सांसद पिछले सप्ताह गुरुवार को निलंबित किए गए थे।
पहले 1989 में हुई थी निलंबन की सबसे बड़ी कार्रवाई
सांसदों की सबसे बड़ी संख्या में निलंबन की कार्रवाई इससे पहले राजीव गांधी सरकार के वक्त 1989 में हुई थी। जब एक साथ 63 सांसदों को तीन दिन के लिए निलंबित किया गया था। उस वक्त इंदिरा गांधी की हत्या को लेकर बने ठक्कर कमीशन की रिपोर्ट पर हंगामा हो रहा था। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक सांसदों के निलंबन का पहला मामला 1963 में उस समय आया था जब राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे थे।
हंगामे के कारण विपक्ष को ही नुकसान : पीएम
पीएम मोदी ने कहा, विपक्षी गठबंधन इंडिया का लक्ष्य हमारी सरकार को हटाना है, जबकि हमारी सरकार का लक्ष्य इस देश के लिए बेहतर भविष्य तैयार करना है। उन्होंने कहा, विपक्षी पार्टियों का अगर यही आचरण रहा तो 2024 के लोकसभा चुनावों में उनकी संख्या और कम हो जाएगी और इससे बीजेपी को फायदा होगा।
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