PM Modi Mann Ki Baat: सकारात्मक भावना के साथ तनावमुक्त होकर बोर्ड की परीक्षा दें छात्र

0
121
PM Modi Mann Ki Baat
PM Modi Mann Ki Baat: सकारात्मक भावना के साथ तनावमुक्त होकर बोर्ड की परीक्षा दें छात्र

PM Modi Advice Students, (आज समाज), नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडिया कार्यक्रम मन की बात को संबोधित करते हुए आज बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को शुभकामनाएं दीं और साथ ही उनसे सकारात्मक भावना के साथ खुश और तनावमुत होकर परीक्षा देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, यह बोर्ड परीक्षाओं का समय है और मैं अपने युवा मित्रों और परीक्षा योद्धाओं को आगामी परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं देता हूं। पीएम ने जोर देकर कहा कि बिना किसी तनाव और सकारात्मक भावना के साथ अपने पेपर दें।

‘परीक्षा पे चर्चा’ के लिए हमने नया प्रारूप पेश किया

प्रधानमंत्री ने कहा, हर साल, ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान, हम अपने परीक्षार्थियों के साथ परीक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हैं। मुझे खुशी है कि नए विशेषज्ञों के शामिल होने से यह पहल और अधिक संस्थागत होती जा रही है। इस साल, हमने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के लिए एक नया प्रारूप पेश किया है। हमने विशेषज्ञों की विशेषता वाले आठ अलग-अलग एपिसोड शामिल किए हैं। हमने समग्र परीक्षा की तैयारी से लेकर स्वास्थ्य देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य और पोषण तक कई विषयों को कवर किया।

ये भी पढ़ें : PM Modi: प्रधानमंत्री मोदी ने किया ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड को संबोधित

वन्यजीव संरक्षण पर जोर

पीएम मोदी ने वन्यजीव संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि भारत में वास्तव में वनस्पतियों और जीवों का एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र है। ये जंगली जानवर हमारे इतिहास और संस्कृति में गहराई से समाए हुए हैं। कई जानवरों को हमारे देवताओं की पवित्र सवारी भी माना जाता है। मध्य भारत में कई आदिवासी समुदाय ‘बाघेशुर’ की पूजा करते हैं। महाराष्ट्र में ‘वाघोबा’ की पूजा करने की परंपरा है। भगवान अयप्पा का बाघ से भी गहरा संबंध है। सुंदरबन में लोग ‘बोनबीबी’ की पूजा करते हैं, जिनकी सवारी बाघ है।” प्रधानमंत्री मोदी ने वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में भागीदारी के लिए आदिवासी लोगों का आभार भी व्यक्त किया।

बीआरटी टाइगर रिजर्व में लगातार बढ़ रही बाघों की आबादी

प्रधानमंत्री ने कहा, कर्नाटक के बीआरटी टाइगर रिजर्व में बाघों की आबादी लगातार बढ़ रही है। इसका श्रेय सोलिगा जनजातियों को जाता है, जो बाघों की पूजा करते हैं। उनकी वजह से इस क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष लगभग न के बराबर है। इसी तरह, गुजरात में स्थानीय लोगों ने गिर में एशियाई शेरों की सुरक्षा और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने दुनिया को दिखाया है कि प्रकृति के साथ सच्चा सह-अस्तित्व कैसा होता है।” उन्होंने कहा कि इन समर्पित प्रयासों के कारण पिछले कुछ वर्षों में बाघों, तेंदुओं, एशियाई शेरों, गैंडों और दलदली हिरणों की आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

ये भी पढ़ें : SOUL: पीएम मोदी ने दिल्ली में किया स्कूल आफ अल्टीमेट लीडरशिप कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का उद्घाटन