Aaj Samaj (आज समाज), PM Modi Kanker Rally, रायपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को छत्तीसगढ़ के दौरे पर थे। बता दें कि राज्य में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं और इसी के मद्देनजर बढ़ी चुनावी सरगर्मियों के बीच उन्होंने कांकेर के गोविंदपुर में विजय संकल्प महारैली को संबोधित किया। कांकेर की जनता से प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का विकास से 36 का आंकड़ा है और बीजेपी का संकल्प हर गरीब, आदिवासी व पिछड़ों के हितों की रक्षा करना है। कांग्रेस के शासन में विकास असंभव है।
छत्तीसगढ़ को देश के टॉप राज्यों में लाने का संकल्प
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के समर्थन में जो आंधी चल रही है, उसकी एक झलक यहां कांकेर में भी दिख रही है। उन्होंने कहा, आज बस्तर की इस पावन धरती से मुझे भी बीजेपी के संकल्प से जुड़ने का अवसर मिला है। बीजेपी का संकल्प छत्तीसगढ़ को देश के टॉप राज्यों में लाने का है। रैली में मौजूद जनता से पीएम ने कहा, यह चुनाव केवल विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं है, बल्कि ये आपके भविष्य, आपके बच्चों के भविष्य का फैसला करने का चुनाव है।
कांग्रेस के नेताओं की कोठियां, बंगले, कारें, इन्हीं का विकास हुआ
उन्होंने कहा, आपने बीते 5 साल में कांग्रेस सरकार की नाकामी देखी है। इन 5 वर्षों में कांग्रेस के नेताओं की कोठियां, उनके बंगले, उनकी कारें, इन्हीं का विकास हुआ है। आजादी के अनेक दशक तक कांग्रेस की सरकारें पूरे देश में रही हैं, लेकिन गरीब के घर शौचालय नहीं था, पानी की सुविधा नहीं थी, गैस कनेक्शन नहीं था, बैंक में खाता तक नहीं था। छत्तीसगढ़ में तो परिस्थतियां और भी विकट थीं। ये काम भी आपके आशीर्वाद से मोदी ही कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, आपने देखा है, कोरोना का इतना बड़ा संकट आया। दुनिया के अनेक देशों में खाने का संकट पैदा हो गया। अपने गरीब भाई-बहनों को इस परेशानी से बाहर निकालने की चिंता भी आपके सेवक मोदी ने ही की। भाजपा सरकार ने आपके लिए मुफ्त राशन देने वाली योजना बनाई, लेकिन कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में इस योजना में भी घोटाला कर दिया।
राजनीतिक दृष्टिकोण से बस्तर संभाग अहम
राजनीतिक दृष्टिकोण से बस्तर संभाग काफी अहम माना जाता है। कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता की चाबी बस्तर संभाग से खुलती है। इसलिए माना जाता है कि अगर छत्तीसगढ़ में सरकार बनानी है, तो बस्तर किला फतह करना बहुत जरूरी है। प्रदेश में कुल 90 विधानसभा सीट हैं, जिनमें 39 आरक्षित हैं। 39 में से 29 सीटें आदिवासियों के लिए सुरक्षित हैं । 29 में से 12 सीटें बस्तर संभाग से आती हैं।
बीजेपी को 2018 में यहीं से मिली हार
15 साल तक सत्ता पर काबिज रही बीजेपी को पिछले चुनाव यानी 2018 में बस्तर संभाग से ही करारी हार का सामना करना पड़ा था, इसलिए इस बार बीजेपी में सत्ता पाने की बैचेनी है। संभाग की 12 विधानसभा सीटों में 11 अनुसूचित जनजाति (एसटी) और एक सीट सामान्य है। 11 सीटों में बस्तर, कांकेर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर सीट एसटी के लिए आरक्षित है। वहीं जगदलपुर विधानसभा सीट सामान्य है। वर्तमान में 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।
सात और 17 नवंबर हो होगा मतदान
छत्तीसगढ़ में इसी साल दो चरणों में चुनाव करवाए जाएंगे। पहले चरण में 7 नवंबर को 20 सीटों पर मतदान होगा। इनमें सबसे महत्वपूर्ण आदिवासी बहुल संभाग बस्तर है, जिसमें कुल 7 जिले आते हैं। प्रदेश की कुल 90 विधानसभा सीटों में इन 7 जिलों में छत्तीसगढ़ की 12 विधानसभा और 1 लोकसभा सीट है। 17 नवंबर को दूसरे चरण में चुनाव कराए जाएंगे। वहीं 3 दिसंबर को मतगणना होगी।
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