नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र सरकार की नीतियों और पीएम मोदी पर सवाल उठाते रहे हैं। वह आर्थिक हालातों से लेकर देश की तमाम अन्य समस्याओं केसाथ ही सीमा पर चल रहे विवाद पर भी न जर बनाए हुए हैंऔर हर दिन वह केंद्र की नीतियों और पीएम को कटघरे में खड़ा करते हैं। राहुल गांधी ने सोमवार को भी ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमलावर हुए। उन्होंने कहा कि पीएम ने सत्ता में आने के लिए अपनी नकली मजबूत छवि को गढ़ा है। सोमवार को उन्होंने एक ट्वीट किया। एक वीडियों के माध्यम से उन्होंने पीएम मोदी की नीतियों और चीन के इरादों पर अपने विचार रखे। उन्होंनेजारी अपने वीडियों में कहा कि चीन के साथ भारत का सीमा विवाद कोईसाधारण सीमा विवाद नहीं है। यह एक सोची समझी साजिश के तहत है। चीन कुछ भी बिना रणनीति के नहीं करता है। उसकी रणनीति के बारे में समझना बेहद आवश्यक है। मेरी चिंता है कि चीनी आज हमारे इलाके में बैठे हैं। सवाल यह है कि चीन की सामरिक रणनीति क्या है? चीनी बगैर रणनीतिक सोच के कोई कदम नहीं उठाते।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘चीन ने दिमाग में संसार का नक्शा खींचा हुआ है, जिसे वह अपने हिसाब से आकार देने की कोशिश कर रहा है।

वो हमारी सड़क से परेशान हैं, वो हमारे राजमार्ग को निरर्थक करना चाहते हैं। वो पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर में कुछ करने की सोच रहे हैं।’ उनके मुताबिक, यह साधारण सीमा विवाद भर नहीं है, बल्कि यह सुनियोजित सीमा विवाद है, जिसका मकसद भारतीय प्रधानमंत्री पर दबाव बनाना है। चीन की ओर से भारतीय पीएम की छवि पर हमला किया जा रहा है। वे समझते हैं कि नरेंद्र मोदी को प्रभावी नेता बनने के लिए, एक राजनीतिज्ञ के रूप में बने रहने के लिए अपनी 56 इंच वाली छवि की रक्षा करना जरूरी होगा। यही वह असली जगह है, जहां चीन वार कर रहा है। उन्होंने दावा किया, ‘वे मूलत: नरेंद्र मोदी जी को कह रहे हैं कि यदि आप वह नहीं करेंगे जो चीन चाहता है, तो वे नरेंद्र मोदी की मजबूत नेता वाली छवि को वो ध्वस्त कर देंगे।’उन्होंने सवाल किया, ‘ नरेंद्र मोदी क्या प्रतिक्रिया देंगे? क्या वह उनका सामना करेंगे? क्या वह चुनौती स्वीकार करेंगे? क्या वह कहेंगे कि मैं भारत का प्रधानमंत्री हूं, मैं अपनी छवि की चिंता नहीं करता, मैं तुम्हारा मुकाबला करूंगा या वो उनके सामने हथियार डाल देंगे?’ गांधी ने कहा कि चिंता यह है कि प्रधानमंत्री दबाव में आ गए हैं। आज चीनी हमारे इलाके में बैठे हैं और प्रधानमंत्री खुलेआम कह रहे हैं कि वे नहीं बैठे। इससे मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं और अपनी छवि बचाने की कोशिश कर रहे हैं।