PM Modi In NXT Conclave 2025: पीएम मोदी ने इन दो कानूनों का किया जिक्र, बांस वाला नियम बताते हुए हंस पड़े प्रधानमंत्री

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PM Modi In NXT Conclave 2025: पीएम मोदी ने इन दो कानूनों का किया जिक्र, बांस वाला नियम बताते हुए हंस पड़े प्रधानमंत्री

PM Modi In NXT Conclave 2025, (आज समाज), नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NXT Conclave 2025 में हिस्सा लेते हुए NEWSX WORLD की लॉन्चिंग पर बड़ी बात कही। इस मौके पर उन्होंने आईटीवी नेटवर्क के फाउंडर और राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा को बधाई दी और पूरी टीम को शुभकामनाएं दीं। इसी संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने दो कानूनों का जिक्र किया, जो चर्चा का विषय बन गया है।

क्या है ड्रामेटिक परफॉर्मेंस एक्ट?

पीएम मोदी ने कहा कि, हमने करीब 1500 कानूनों को खत्म किया, इन कानूनों को खत्म करना कोई आसान काम नहीं था। बहुत सारे कानून अंग्रेजी शासन के दौरान बने थे। आपको आश्चर्य होगा सुन के कि, एक कानून था ड्रामेटिक परफॉर्मेंस एक्ट, ये कानून अंग्रेजों ने 150 साल पहले बनाया था।
तब अंग्रेज चाहते थे कि, ड्रामा और थियेटर का उपयोग तब की सरकार के खिलाफ न हो। इस कानून में प्रावधान था कि, अगर पब्लिक प्लेस में 10 लोग डांस करते मिल जाए तो उन्हने गिरफ्तार किया जा सकता है।
और ये कानून देश आजाद होने के बाद 75 साल तक चलता रहा है। यानी शादी के दौरान बारात भी निकले और 10 लोग डांस कर रहे हो तो दूल्हा सहित पुलिस उनको गिरफ्तार कर सकती थी। ये कानून आजादी के 70-75 साल तक चलन में था।

70 साल तक हमने ये कानून झेला

ये कानून हमारी सरकार ने हटाया। 70 साल तक हमने ये कानून झेला। मुझे उस समय की सरकारों और नेताओं से कुछ कहना नहीं है। कुछ यहां बैठे भी है। लेकिन मुझे ज्यादा तो इन लुटियंस जमात पर आश्चर्य हो रहा है, इन खान मार्केट गैंग पर आश्चर्य हो रहा है। ये लोग 75 साल तक ऐसे कानून पर चुप क्यों थे?
ये जो आए दिन कोर्ट जाते रहते हैं। पीआईएल के ठेकेदार बने फिरते हैं। ये लोग क्यों चुप थे। तब उनको लिबरटी ध्यान नहीं आती थी क्या? अगर आज कोई सोचे मोदी ऐसा कानून बनाता तो क्या होता? ये हमारी सरकार हैं, जिसने गुलामी के कालखंड के इस कानून को खत्म किया।

बांस काटने पर जेल

बंबू हमारे आदिवासी क्षेत्र में पाए जाते हैं। नार्थ ईस्ट के तो लाइफलाइन है, लेकिन पहले बांस काटने पर भी आपको जेल भेज दिया जाता था। अब कानून क्यों बना? मैं आपलोगों से पूछूं बास वृक्ष है या ट्री है क्या?  कोई मानेगा क्या ट्री है ये? कोई मानेगा क्या वृक्ष है ये? आजादी के 70 साल के बाद भी मेरे देश की सरकार ये मानती थी कि, बांस एक पेड़ है, वृक्ष है।
हमारे देश में कानून था जो बांस को पेड़ मानता था। और सारे ट्री के कानून इसपर लगते थे। इसको काटना मुश्किल था। उसको समझ ही नहीं आया कि बांस पेड़ नहीं है। अंग्रेजों के अपने इंट्रेस्ट हो सकते थे। लेकिन हमने क्यों नहीं इसे खत्म किया? बांस से जुड़े इस दशकों पुराने कानून को भी हमारी ही सरकार ने बदला।