Aaj Samaj (आज समाज), PM Modi in CDRI, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार गंभीर होती प्राकृतिक आपदाओं पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने आज कहा, हम सभी ने देखा है कि प्राकृतिक आपदाएं लगातार और ज्यादा गंभीर होती जा रही हैं और इनके कारण होने वाली क्षति आमतौर पर डॉलर में बताई जाती है, लेकिन लोगों, परिवारों और समुदायों पर इनका वास्तविक प्रभाव इन आंकड़ों से परे है।
- सीडीआरआई का फोकस वैश्विक दक्षिण पर
लचीलेपन को नए ढांचे के निर्माण में शामिल करने की जरूरत
प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतर कल के लिए हमें आज टिकाऊ बुनियादी ढांचे में निवेश करना चाहिए। लचीलेपन को नए बुनियादी ढांचे के निर्माण में शामिल करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा के बाद स्वाभाविक रूप से राहत और पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। पीएम ने नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में ‘आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 2024’ (सीडीआरआई) को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं।
पिछले कुछ वर्षों में प्रभावशाली रही सीडीआरआई की वृद्धि
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में सीडीआरआई की वृद्धि प्रभावशाली रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, यह खुशी की बात है कि सीडीआरआई का फोकस वैश्विक दक्षिण पर है। भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया था। एक नया आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह का गठन किया गया था।
हम 2019 से लंबा सफर तय कर चुके
सीडीआरआई के विकास के साथ-साथ ऐसे कदम दुनिया को टिकाऊ भविष्य की तरफ ले जाएंगे। मुझे यकीन है कि अगले दो दिनों में सीडीआरआई पर विचार-विमर्श होगा। मोदी ने कहा, हम 2019 से एक लंबा सफर तय कर चुके हैं और यह (सीडीआरआई) अब 39 देशों और 7 संगठनों का वैश्विक गठबंधन है जो भविष्य के लिए यह एक अच्छा संकेत है।
विकासशील राज्यों में आपदाओं का ज्यादा खतरा
प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि छोटे द्वीप विकासशील राज्यों (एसआईडीएस) में आपदाओं का खतरा अधिक है। सीडीआरआई का एक कार्यक्रम है जो 13 स्थानों पर परियोजनाओं को वित्तपोषित कर रहा है। डोमिनिकन रिपब्लिक में टिकाऊ आवासीय योजना और पापुआ न्यू गिनी में टिकाऊ परिवहन योजना इसका उदाहरण है।
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