PM Modi Foreign Tour: ब्रुनेई के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी सिंगापुर रवाना

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PM Modi Foreign Tour ब्रुनेई के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी सिंगापुर रवाना
PM Modi Foreign Tour : ब्रुनेई के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी सिंगापुर रवाना

PM Modi Foreign Tour Update, (आज समाज), बंदर सेरी बेगवान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों ब्रुनेई और सिंगापुर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ब्रुनेई की राजधानी बंदर सेरी बेगवान स्थित सुल्तान के आलीशान महल में द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी आज सिंगापुर रवाना हो गए हैं। सिंगापुर में वह राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम, प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग समेत कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। सिंगापुर के कारोबारी समुदाय के नेताओं से भी पीएम का मुलाकात का कार्यक्रम है। पीएम मोदी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अगले साल दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 60 साल पूरे हो रहे हैं।

मंगलवार शाम को ब्रुनेई पहुंचे थे मोदी

प्रधानमंत्री मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में मंगलवार शाम को ब्रुनेई पहुंचे थे। यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर शहजादे अल-मुहतदी बिल्लाह ने उनका भव्य स्वागत किया था। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। ब्रुनेई की राजधानी बंदर सेरी बेगवान स्थित होटल में भारतीय समुदाय के लोगों ने भी प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया। पीएम ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया और उनके करीबी परिवार के सदस्यों से दुनिया के सबसे बड़े महल ‘इस्ताना नुरुल ईमान’ में मिले। सुल्तान बोल्किया के साथ द्विपक्षीय बैठक में पीएम मोदी ने व्यापार, वाणिज्यिक संबंधों और लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ाने सहित व्यापक विषयों पर चर्चा की।

जानें क्या है पीएम के सिंगापुर दौरे का एजेंडा

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी छह साल बाद सिंगापुर पहुंच रहे हैं। उनके सिंगापुर दौरे के दौरान दोनो देशों के बीच कई एमओयू पर हस्ताक्षर होने हैं, जिनमें खाद्य सुरक्षा, एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन और सेमीकंडक्टर शामिल है। पीएम मोदी का सिंगापुर का दौरा ऐसे समय पर हो रहा है, जब वहां सरकार बदल गई है और लॉरेन्स वॉन्ग ने प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली है।

साउथ चाइना सी और म्यांमार जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर वार्ता संभव

पीएम मोदी का सिंगापुर का दौरा भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिए जरूरी है। मौजूदा समय में भारत का पूरा जोर एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर है। इस पॉलिसी की शुरुआत नवंबर 2014 में 12वें आसियान-भारत शिखर समिट के दौरान भारत ने शुरू की थी। इस पॉलिसी का मकसद हिंद महासागर में बढ़ रही समुद्री क्षमता का मुकाबला करना और साउथ चाइना सी व हिंद महासागर में रणनीतिक साझेदारी का निर्माण करना है।

सिंगापुर भारत का छठा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर

सिंगापुर आसियान देशों में भारत का छठा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। पीएम मोदी अपने दौरे के दौरान बिजनेस लीडर्स और कई बड़ी कंपनियों के सीईओ से भी मुलाकात करेंगे। इस दौरान साउथ चाइना सी और म्यांमार जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत हो सकती है। भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का एक बड़ा स्रोत सिंगापुर है। यहां की वैश्विक सेमीकंडक्टर ईको सिस्टम में अहम भूमिका है। इस क्षेत्र में सिंगापुर का 20 से अधिक सालों का अनुभव है।