PM Modi ने बंगाली नववर्ष की शुरुआत के प्रतीक ‘पोइला बोइशाख’ पर दी शुभकामनाएं

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PM Modi: पीएम ने बंगाली नववर्ष की शुरुआत के प्रतीक 'पोइला बोइशाख' पर दी हार्दिक शुभकामनाएं

PM Greets on Poila Boishakh, (आज समाज), नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ‘पोइला बोइशाख’ (Poila Boishakh) के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं, जो बंगाली नववर्ष 1432 की शुरुआत का प्रतीक है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लोगों को नए साल के आने वाले दिनों में समृद्धि और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। पीएम ने एक्स पर लिखा, ‘पोइला बोइशाख पर शुभकामनाए! मुझे उम्मीद है कि इस साल आपकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी। मैं सभी की सफलता, खुशी, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करता हंू, शुभो नबो बरशो!

वर्ष का पहला दिन माना जाता है सबसे शुभ

पोइला बोइशाख बंगाली कैलेंडर वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और इसे भारत व विदेशों के विभिन्न हिस्सों में बंगाली समुदाय द्वारा मनाया जाता है। ‘पोलिया’ शब्द का अर्थ है पहला, और ‘बोइशाख’ चंद्र-सौर बंगाली कैलेंडर का पहला महीना है। आज, समुदाय वर्ष 1432 की शुरूआत का जश्न मनाता है। बंगाली सकब्दी के अनुसार, वर्ष का पहला दिन सबसे शुभ माना जाता है।

बंगालियों के लिए विशेष महत्व

‘पोइला बोइशाख’ (Poila Boishakh) दुनिया भर के बंगालियों द्वारा मनाया जाता है, चाहे वे किसी भी भौगोलिक स्थान पर हों, लेकिन इस अवसर का बांग्लादेश और भारत के बंगाली भाषी क्षेत्रों, जिनमें पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम शामिल हैं, में बंगालियों के लिए विशेष महत्व है।

देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश का स्वागत

‘नोबोबोर्शो’ (नए साल) के जश्न में, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश के स्वागत के लिए घरों को साफ किया जाता है और सजाया जाता है। सामने के दरवाजे को अल्पना से सजाया जाता है, जो पिसे हुए चावल और आटे के पानी के मिश्रण से बनाई गई पेंटिंग होती है। नए साल पर, लोग नए कपड़े पहनकर मंदिरों में प्रार्थना करने और भगवान से आशीर्वाद लेने जाते हैं।

दुकानदार करते हैं लक्ष्मी-नारायण व गणेश पूजा से शुरुआत

पारंपरिक बंगाली घर पर भी व्यंजन तैयार किए जाते हैं, और रेस्तरां, विशेष रूप से कोलकाता में, प्रामाणिक बंगाली व्यंजन परोसते हैं जो लजीज व्यंजन पेश करते हैं। दुकानदार दिन की शुरूआत लक्ष्मी-नारायण और गणेश पूजा करके करते हैं, जिससे आने वाले साल में समृद्धि की कामना की जाती है। वे भगवान के नाम पर नए व्यापारिक खाता बही शुरू करते हैं। एक प्रथा के रूप में, पुजारी व्यापार में अच्छी किस्मत लाने के लिए व्यापारी की खाता बही पर सिंदूर से स्वास्तिक चिह्न बनाते हैं।

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