SWAMITVA Yojna, (आज समाज), नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामित्व योजना के तहत आज 65 लाख से अधिक स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित किए। देश के 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में प्रधानमंत्री इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े। वहीं राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्रीय मंत्री और कई राज्यों के मुख्यमंत्री व अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे।
अप्रैल-2020 में की थी योजना की शुरुआत
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को बढ़ाने के मसकद से 24 अप्रैल, 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर देश के 9 राज्यों में स्वामित्व योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत गांवों में बसे लोगों की जमीनों की मैपिंग व जमीन के मालिकों का नवीनतम ड्रोन तकनीक के जरिए एक रिकॉर्ड तैयार किया जाता है। इसके बाद प्रॉपर्टी के मालिकों को एक संपत्ति कार्ड उपलब्ध करवाया जाता है।
घर का कानूनी प्रमाण मुहैया करवाना भी उद्देश्य
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, गांवों के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष पहले स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई ताकि गांव में रहने वाले लोगों को उनके घर का कानूनी प्रमाण मुहैया करवाया जा सके। पीएम ने कहा, इस स्कीम के अंतर्गत हमने गांवों के लगभग सवा 2 करोड़ लोगों को उनके घर का पक्का कानूनी डॉक्युमेंट उपलब्ध करवाया है।
कानूनी डॉक्यूमेंट न होने से नहीं होती थी इतनी कीमत
प्रधानमंत्री ने बताया कि पहले गांवों के लोगों के पास लाखों-करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी होती थी लेकिन इसके बावजूद उनकी इस प्रॉपर्टी की इतनी कीमत नहीं होती थी। इसकी वजह ग्रामीणों के पास कानूनी डॉक्यूमेंट न होना था। मोदी ने बताया कि अब 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की आर्थिक गातिविधि का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
संयुक्त राष्ट्र का हवाला दिया
कई वर्ष पहले संयुक्त राष्ट्र ने कई देशों में भू-संपत्ति पर अध्ययन किया था, जिसमें पता चला था कि विश्व के कई देशों में लोगों के पास संपत्ति के पक्के दस्तावेज नहीं है। मोदी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने तब यह भी कहा था कि यदि गरीबी कम करनी है तो लोगों के पास संपत्ति का अधिकार होना जरूरी है।
अक्सर होते थे विवाद, दबंग कर लेते थे मिलकियत पर कब्जा
घर की मिलकियत पर अक्सर विवाद होते थे और दबंग लोगों की संपत्ति पर कब्जा कर लेते थे। कानूनी डॉक्यूमेंट न होने पर बैंक भी मामले से किनारा कर लेते थे। प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 में जब हमारी सरकार ने सत्ता संभाली तो हमने इस मसले का समाधान निकालने का पक्का मन बना लिया था। उन्होंने कहा कि इसी मकसद से हमने स्वामित्व योजना की शुरुआत की।
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