PM Modi Bihar Visit: प्रधानमंत्री ने बिहार के दरभंगा में रखा एम्स का नींव पत्थर

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PM Modi Bihar Visit: प्रधानमंत्री ने बिहार के दरभंगा में रखा एम्स का नींव पत्थर
PM Modi Bihar Visit: प्रधानमंत्री ने बिहार के दरभंगा में रखा एम्स का नींव पत्थर

PM Modi In Bihar, (आज समाज), पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे हैं और उन्होंने प्रदेश को दूसरे एम्स का तोहफा दिया है। उन्होंने दरभंगा एम्स का शिलान्यास किया है। साथ ही पीएम आज राज्य को हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री ने रिमोट के जरिये एकमी-शोभन बाइपास स्थित दरभंगा एम्स का शिलान्यास किया। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक प्रधामनंत्री ने राज्य को 12 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात दी।

तीन रेलवे स्टेशनों का लोकार्पण

पीएम ने रामनगर-रोसड़ा एनएच 527 का भी नींव पत्थर रखा। दरभंगा एम्स के निर्माण पर 1700 करोड़ रुपए की लागत आएगी। वहीं रामनगर-रोसड़ा एनएच 527 पर 10 करोड़ खर्च होंगे। 12 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं में दरभंगा एम्स के अलावा 3 रेलवे स्टेशन भी शामिल हैं। मोदी ने दरभंगा रेलवे बायपास लाइन जनता को समर्पित की है। तीन रेलवे स्टेशनों का पीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिग से उद्घाटन किया है।

एम्स व अन्य विकास योजनाओं के लिए दी बधाई

पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दरभंगा, अयोध्या व सीतामढ़ी रूट पर अमृत भारत टेन के संचालन से लोगों को काफी फायदा मिला है। मोदी ने जनसभा में मौजूद लोगों के साथ ही सभी प्रदेशवासियों को दरभंगा एम्स के साथ ही अन्य विकास योजनाओं के लिए बधाई दी।

आजादी के कई साल तक देश में था तक इकलौता एम्स

प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के स्वतंत्र होने के 60 वर्ष तक पूरे देश में एक ही एम्स दिल्ली में था। देश के दूर-दराज में रहने वाले सभी लोगों के लिए दिल्ली पहुंचना असंभव था। इकलौता एम्स होने से देश के लोगों को काफी दिक्कतें आती थीं। मोदी ने बताया कि उनकी सरकार ने देश में कई जगह नए नए एम्स बनाए। पूरे देश में आज की तारीख में लगभग दो दर्जन एम्स हैं। मेडिकल कॉलेज व हास्पिटलों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।

अन्य भाषाओं में भी मेडिकल की पढ़ाई सम्भव 

प्रधानमंत्री ने बताया कि अब देश में मेडिकल की शिक्षा हिन्दी के अलावा अन्य भाषाओं में भी करवाई जाएगी और इससे गरीब, दलित व आदिवास समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोग भी आसानी से डाक्टर बन सकेंगे। बता दें कि पहले डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाई में इंग्लिश मीडियम होना जरूरी था। अब डॉक्टर बनना हो या इंजीनियरिंग, मातृभाषा में पढ़कर युवा अपने एजुकेशन पूरी कर सकते हैं।

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