Parakram Diwas, (आज समाज), नई दिल्ली/भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विकसित भारत का सपना पूरा तभी होगा जब देश का हर व्यक्ति एकजुट होगा। उन्होंने कहा, विकसित भारत के लिए हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित करना होगा। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में आज इस महान स्वतंत्रता सेनानी की जन्मस्थली बाराबती किले में आयोजित पराक्रम दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने ये बातें कहीं। बाराबती किला ओडिशा के कटक जिले में है जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म हुआ था।
आजाद हिंद फौज में कई लोग थे, आजादी के लिए एकजुट हुए
पीएम मोदी ने बताया कि जिस तरह आजाद हिंद फौज में विभिन्न पृष्ठभूमि के लोग शामिल थे लेकिन वे देश की आजादी के लिए एकजुट हुए थे, उसी तरह आज के नागरिकों को भारत की प्रगति व विकास के लिए एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा, उन्हें (आजाद हिंद फौज) स्वराज के लिए एकजुट होना पड़ा और आज हमें विकसित भारत के लिए एकजुट होना है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कार्यक्रम को किया संबोधित
प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत उड़िया भाषा में की और नेताजी की ‘आजाद हिंद फौज’ से तुलना करते हुए, देशवासियों से अपील की कि ‘विकसित भारत’ के लिए सभी एकजुट हों। खासकर देश के युवा विकसित भारत के लिए अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलें। नेताजी की जयंती के उपलक्ष्य में बाराबती किले में पराक्रम दिवस के तहत तीन दिवसीय समारोह आयोजित किया गया है जिसके लिए पीएम ने ओडिशा के लोगों व वहां की सरकार को बधाई दी।
बाराबती किले में 25 जनवरी तक मनाया जाएगा उत्सव
पराक्रम दिवस का भव्य उत्सव 25 जनवरी तक मनाया जाएगा। यह नेताजी की 128वीं जयंती पर उनकी विरासत का सम्मान करेगा। इस अवसर पर एक मूर्तिकला कार्यशाला और एक चित्रकला प्रतियोगिता-सह-कार्यशाला की भी योजना बनाई गई है। कार्यक्रम में नेताजी की विरासत का सम्मान करने और ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को उजागर करने वाले सांस्कृतिक प्रदर्शन भी होंगे। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम के दौरान नेताजी के जीवन पर फिल्में भी दिखाई जाएंगी।
इस वर्ष जन्मस्थली पर हो रहा पराक्रम दिवस
पीएम मोदी ने कहा, आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के पावन अवसर पर पूरा देश उन्हें श्रद्धापूर्वक याद कर रहा है और मैं भी नेताजी सुभाष बाबू को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इस वर्ष पराक्रम दिवस का भव्य आयोजन नेताजी की जन्मस्थली पर हो रहा है, जिसके लिए मैं ओडिशा के लोगों और ओडिशा सरकार को बधाई देता हूं।
नेताजी के जीवन से जुड़ी कई धरोहरों को संरक्षित किया
प्रधानमंत्री ने समारोह में विभिन्न कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए कहा, कटक में नेताजी के जीवन से संबंधित एक विशाल प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें नेताजी के जीवन से जुड़ी कई धरोहरों को संरक्षित किया गया है। कई चित्रकारों ने नेताजी के जीवन के दृश्यों को कैनवास पर उकेरा है और उनसे जुड़ी कई किताबें भी संग्रहित की गई हैं।
नेताजी ने देश की आजादी के लिए चुनौतियों को चुना
प्रधानमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, नेताजी का जन्म एक संपन्न परिवार में हुआ था, उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की थी और अगर वे चाहते तो ब्रिटिश सरकार के अधीन एक वरिष्ठ पद पर आसीन हो सकते थे और एक आसान जीवन जी सकते थे। लेकिन उन्होंने देश की आजादी के लिए कठिनाइयों और चुनौतियों को चुना। हम नेताजी के जीवन से निरंतर प्रेरणा लेते हैं। उनके जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य आजाद हिंद था।
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