आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली, (PM Modi Aadi Mahotsav): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मेगा नेशनल ट्राइबल फेस्टिवल ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन किया। इस उपलक्ष्य में दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में कार्यक्रम आयोजित किया गया। पीएम मोदी के साथ केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौके पर मौजूद रहे। पीएम मोदी ने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को भी पुष्पांजलि अर्पित की।
- देशभर की जनजातियों की समृद्ध व विविध विरासत प्रदर्शित होगी
- आदिवासी शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और व्यापार से सीधे रूबरू होंगे लोग
- आदिवासी रसोइए लगाएंगे मिलेट्स में जायके का तड़का
यह है महोत्सव के आयोजन का मकसद : अर्जुन मुंडा
पीएमओ के मुताबिक कार्यक्रम 16 से 27 फरवरी तक चलेगा और इस दौरान 200 से अधिक स्टालों में देश भर की जनजातियों की समृद्ध और विविध विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि आदिवासियों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाने और उनकी कला-संस्कृति को पहचान दिलाने के मकसद से आदि महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसके माध्यम से लोगों को आदिवासी शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और व्यापार से लोगों को सीधे रूबरू होने का मौका मिलेगा। हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के बर्तन, आभूषण आदि भी आकर्षण का केंद्र होंगे
ये भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर में आतंकी घुसपैठ की कोशिश नाकाम, एक आतंकी ढेर
जनजातीय आबादी के उत्थान के हक में प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि पीएम मोदी देश की जनजातीय आबादी के कल्याण के लिए कदम उठाने में सबसे आगे रहे हैं। प्रधानमंत्री देश के विकास में जनजातीय आबादी के योगदान का उचित सम्मान भी करते हैं।
आदि महोत्सव ट्राइफेड की पहल
आदिवासी संस्कृति, शिल्प, व्यंजन, वाणिज्य और पारंपरिक कला की भावना का जश्न मनाने वाला आदि महोत्सव, जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की एक वार्षिक पहल है। 11 दिवसीय मेले में 28 राज्यों के लगभग 1000 आदिवासी कारीगर और कलाकार हिस्सा लेंगे।
रागी हलवा, कोदो की खीर, कश्मीरी रायता, बाजरा का चुरमा…
13 राज्यों के आदिवासी रसोइए मिलेट्स में जायके का तड़का लगाएंगे। इसमें रागी हलवा, कोदो की खीर, कश्मीरी रायता, बाजरा का चुरमा, मांडिया सूप, रागी बड़ा, कबाब रोगन जोश का जायका बाजरा की रोटी, मडुआ की रोटी, और भेल खास तौर पर मिलेगा। तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर के आदिवासी जायके का लुत्फ भी मिलेगा।
ये भी पढ़ें : त्रिपुरा विधानसभा के लिए वोटिंग जारी, सुरक्षा के कड़े इंतजाम