गर्मी के साथ ही ठंडे फिल्टर पानी के नाम पर हो रहा है स्वास्थ्य से खिलवाड़

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Playing with health in the name of cold filtered water

आज समाज डिजिटल,लोहारू:

ज्यों ज्यों तापमान बढ़ रहा है वैसे वैसे पेयजल की सप्लाई का प्राइवेट धंधा इन दिनों क्षेत्र में काफी जोरों से पनपने लगा है। पानी के इन कारोबारियों द्वारा सामान्य पानी में बर्फ मिला कर इसे आरओ व फिल्टर किया हुआ मिनरल वाटर बता कर बेचा जा रहा है तथा व्यापारियों व आम आदमी के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं। लोगों का कहना है कि क्षेत्र में सप्लाई किया जा रहा यह पानी शुद्ध व फिल्टर नही है।

व्यापारियों व लोगों को गुमराह कर कैंपरों में सप्लाई किया जा रहा है साधारण पानी

स्वास्थ्य विभाग के नाक तले हो रहे इस अवैध कारोबार से व्यापारियों व लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है वहीं इस एवज में उनसे 450 से 500 रुपये प्रतिमाह तक वसूले जा रहे हैं। कैंपरों द्वारा पानी की सप्लाई करने के व्यवसाय में कम लागत मे ज्यादा मुनाफा होने की वजह से इनकी संख्या में भी इन दिनों वृद्धि हो रही है। तापमान बढ़ने के साथ-साथ ये लोग अपने रेट भी बढ़ा देते है।

नगर मे दुकानों व निजी कार्यालयों मे पानी के कैंपर रखने का कार्य सात वर्ष पूर्व ही शुरू हुआ था, उस समय एक टाटा गाड़ी में पानी की बड़ी टंकी रखकर उससे कथित रूप से ठंडा व स्वच्छ जल से पानी के कैंपर भरकर सप्लाई किए जाते थे। उस समय कुछ गिने चुने लोग ही इसका धंधा करते थे, परंतु आज क्षेत्र मे लगभग आधा दर्जन गाडिय़ों द्वारा पानी की सप्लाई की जाती हैं।

450 रूपये प्रतिमाह की दर पर वितरित किए जा रहे कैंपर 

दुकानदारों व अन्य कई लोगो ने बताया कि जहां पहले पानी के ये कैंपर 250 से 300 रूपये प्रति माह की दर पर वितरित किए जाते थे अब वो ही कैंपर 450 रूपये प्रतिमाह की दर पर वितरित किए जा रहे हैं। इसी प्रकार शादी-विवाह के अवसर पर मंगाए जाने वाले पानी के टैंकर चालक जहां पहले 200 रूपये प्रति टैंकर के वसूल करते थे, अब इस समय ये लोग 800 से 1000 रूपये प्रति टैंकर वसूल कर रहे हैं।

पानी की सप्लाई देने वाले ये व्यवसायी प्रतिदिन नगर व आसपास के लोगों को 700 से ज्यादा कैंपर सप्लाई कर रहे है। हैरानी की बात यह है कि अब तक किसी भी अधिकारी ने सप्लाई में दिए जा रहे पानी की जांच कर इसकी शुद्धता का पता लगाने बारे कार्रवाई नहीं की।

पानी फिल्टर है अगर लेना हो तो लो!

लोगों की माने तो जो पानी सप्लाई किया जा रहा है वह फिल्टर न होकर सादा पानी ही है जिसमें बर्फ डालकर ठंडा कर दिया जाता है। यदि इस पानी का सैंपल लेकर जांच की जाए तो सच्चाई सामने आ सकती हैं। दुकानदारों ने इस बारें में पानी सप्लाई करने वाले मालिकों से भी इसकी शिकायत की लेकिन उल्टा वे झगडे पर उतारू हो जाते हैं तथा उनका जवाब होता है कि पानी फिल्टर है अगर लेना हो तो लो।

प्रशासनिक कार्रवाई के अभाव में इनके हौंसले बुलंद हैं क्योंकि प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों ने कभी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तथा खुद प्रशासनिक कार्यालयों के कर्मी भी इनसे पानी खरीदकर पी रहे है। नगर वासियों ने संबंधित विभाग व प्रशासन से फिल्टर वाटर के नाम पर सप्लाई किए जा रहे पानी की गुणवत्ता की जांच करने की मांग की है।

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