plants: प्रकृति की गोद में ऐसी कई औषधियां हैं, जो फलों के रूप में मिलती हैं। जानकारी के अभाव में हम इन्हें बस चखकर खाते हैं। अगर इन फलों को औषधि के रूप में खाया जाए तो कई बड़ी बीमारियां ठीक हो सकती हैं। ऐसा ही एक फल है मकोय। आयुर्वेद में इस फल को कई बीमारियों के लिए रामबाण बताया गया है। यह फल देखने में जामुन जैसा लगता है, लेकिन इसके फायदे किसी महंगी दवा की तरह हैं।
मकोय के पौधे की पत्तियां भी औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। पत्तियों को उबालकर औषधि के रूप में सेवन किया जाता है। यह औषधि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। कई तरह के दर्द और सूजन को कम करती है। यह खासतौर पर लीवर, गठिया और मासिक धर्म के दर्द के लिए फायदेमंद है। इन पत्तियों का रस किसी भी तरह के दर्द से राहत देता है, चाहे वह पीरियड्स का दर्द हो, जोड़ों का दर्द हो, सिरदर्द हो या बदन दर्द हो।
लीवर के लिए बेहद उपयोगी
मकोय को ब्लैक नाइटशेड के नाम से भी जाना जाता है। यह लीवर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत अच्छी औषधि है। मकोय को हम पंचांग के रूप में इस्तेमाल करते हैं, यानी मकोय का फल, फूल, पत्ती, जड़, तना सभी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। मकोय कई बीमारियों के लिए उपयोगी है, लेकिन यह लीवर की कार्यप्रणाली को दुरुस्त रखने में कारगर है।
छाया में मिलेगा यह पौधा
आगे बताया गया कि मकोय का फल भी खाया जाता है, लेकिन ज्यादातर लोग इसका काढ़ा बनाकर पीते हैं। मकोय दो प्रजातियों में पाया जाता है। एक छोटा और दूसरा बड़ा मकोय। छोटा मकोय गुमला में बहुतायत में पाया जाता है। इसका फल गर्मियों में आता है। मकोय का पौधा छायादार जगहों पर पाया जाता है, जहां धूप कम आती है।
इन बीमारियों में भी कारगर
मकोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करते हैं। यह पेट के संक्रमण से भी बचाता है। मकोय में एंटीपायरेटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह तेजी से काम करता है। गैस की वजह से होने वाले पेट दर्द से राहत दिलाने में भी मकोय का काढ़ा कारगर है। यह अपच, पेट फूलना, कब्ज और डायरिया जैसी समस्याओं में भी उपयोगी है।