***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:- 08/11/2022, मंगलवार
पूर्णिमा, शुक्ल पक्ष,
कार्तिक
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मीन
धैर्य रखें। अस्वस्थता बनी रहेगी। खुद के प्रयत्नों से ही जनप्रियता एवं सम्मान मिलेगा। रोजगार के क्षेत्र में संभावनाएँ बढ़ेंगी। स्थायी संपत्ति संबंधी खटपट हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है।
तिथि——— पूर्णिमा 16:31:00 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———–भरणी 25:37:36
योग———- व्यतिपत 21:43:49
करण————– बव 16:31:00
करण———– बालव 28:49:56
वार———————- मंगलवार
माह———————- कार्तिक
चन्द्र राशि———————- मेष
सूर्य राशि——————— तुला
रितु————————- हेमंत
आयन—————- दक्षिणायण
संवत्सर—————— शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)———————नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2079
शक संवत——————1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:35:48
सूर्यास्त—————- 17:29:40
दिन काल————–10:53:52
रात्री काल————- 13:06:52
चंद्रोदय————— 17:27:32
चंद्रास्त—————- 30:55:00
लग्न—- तुला 21°26′ , 201°26′
सूर्य नक्षत्र—————– विशाखा
चन्द्र नक्षत्र—————— भरणी
नक्षत्र पाया——————- स्वर्ण
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
ली—- भरणी 06:48:58
लू—- भरणी 13:03:23
ले—- भरणी 19:19:35
लो—- भरणी 25:37:36
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=तुला 21 :29 विशाखा , 1 ती
चन्द्र =मेष 16°23, भरणी , 1 ली
बुध =तुला 21 ° 34′ विशाखा ‘1 ती
शुक्र=तुला 25°05, विशाखा ‘ 2 तू
मंगल=मिथुन 00°30 ‘ मृगशिरा’ 3 का
गुरु=मीन 04°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 18°58 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 18°58 विशाखा , 4 ता
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल 14:46 – 16:08 अशुभ
यम घंटा 09:19 – 10:41 अशुभ
गुली काल 12:03 – 13:24 अशुभ
अभिजित 11:41 – 12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 08:47 – 09:30 अशुभ
दूर मुहूर्त 22:44 – 23:28 अशुभ
वर्ज्यम 10:33 – 12:13 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
रोग 06:36 – 07:58 अशुभ
उद्वेग 07:58 – 09:19 अशुभ
चर 09:19 – 10:41 शुभ
लाभ 10:41 – 12:03 शुभ
अमृत 12:03 – 13:24 शुभ
काल 13:24 – 14:46 अशुभ
शुभ 14:46 – 16:08 शुभ
रोग 16:08 – 17:30 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
काल 17:30 – 19:08 अशुभ
लाभ 19:08 – 20:46 शुभ
उद्वेग 20:46 – 22:25 अशुभ
शुभ 22:25 – 24:03* शुभ
अमृत 24:03* – 25:41* शुभ
चर 25:41* – 27:20* शुभ
रोग 27:20* – 28:58* अशुभ
काल 28:58* – 30:37* अशुभ
💮होरा, दिन
मंगल 06:36 – 07:30
सूर्य 07:30 – 08:25
शुक्र 08:25 – 09:19
बुध 09:19 – 10:14
चन्द्र 10:14 – 11:08
शनि 11:08 – 12:03
बृहस्पति 12:03 – 12:57
मंगल 12:57 – 13:52
सूर्य 13:52 – 14:46
शुक्र 14:46 – 15:41
बुध 15:41 – 16:35
चन्द्र 16:35 – 17:30
🚩होरा, रात
शनि 17:30 – 18:35
बृहस्पति 18:35 – 19:41
मंगल 19:41 – 20:46
सूर्य 20:46 – 21:52
शुक्र 21:52 – 22:58
बुध 22:58 – 24:03
चन्द्र 24:03* – 25:09
शनि 25:09* – 26:14
बृहस्पति 26:14* – 27:20
मंगल 27:20* – 28:25
सूर्य 28:25* – 29:31
शुक्र 29:31* – 30:33
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
तुला > 03:58 से 06:09 तक
वृश्चिक > 06:09 से 08:30 तक
धनु > 08:30 से 11:00 तक
मकर > 11:00 से 12:38 तक
कुम्भ > 12:38 से 14:08 तक
मीन > 14:08 से 14:40 तक
मेष > 14:40 से 16:14 तक
वृषभ > 16:14 से 19:00 तक
कर्क > 19:00 से 11:30 तक
सिंह > 11:30 से 01:48 तक
कन्या > 01:48 से 03:50 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 3 + 1 = 19 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
चन्द्र ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
15 + 15 + 5 = 35 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
* कार्तिक पूर्णिमा
*निंबार्काचार्य जयंती
* सर्वार्थ सिद्धि योग 25:38 से
* चन्द्र ग्रहण
* गुरु नानक जयंती
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
दह्यमानाः सुतीब्रेण नीचाः परयशोऽग्निना ।
अशक्तास्तत्पदं गन्तुं ततो निन्दां प्रकुर्वते ।।
।। चा o नी o।।
जो नीच लोग होते है वो दुसरे की कीर्ति को देखकर जलते है. वो दुसरे के बारे में अपशब्द कहते है क्यों की उनकी कुछ करने की औकात नहीं है.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
एवमुक्त्वा ततो राजन्महायोगेश्वरो हरिः ।,
दर्शयामास पार्थाय परमं रूपमैश्वरम् ॥,
संजय बोले- हे राजन्! महायोगेश्वर और सब पापों के नाश करने वाले भगवान ने इस प्रकार कहकर उसके पश्चात अर्जुन को परम ऐश्वर्ययुक्त दिव्यस्वरूप दिखलाया॥,9॥,
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