***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:-07/10/2022, शुक्रवार
द्वादशी, शुक्ल पक्ष,
आश्विन
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मीन
यात्रा मनोनुकूल मनोरंजक तथा लाभप्रद रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। घर-बाहर सफलता प्राप्त होगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। काम में लगन तथा उत्साह बने रहेंगे। मित्रों के साथ प्रसन्नतापूर्वक समय बीतेगा।
तिथि———- द्वादशी 07:26:07 तक
तिथि——— त्रयोदशी 29:24:23
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र——– शतभिषा 18:16:15
योग————– गण्ड 23:28:43
करण———– बालव 07:26:07
करण———– कौलव 18:23:20
करण———– तैतुल 29:24:23
वार———————– शुक्रवार
माह———————– आश्विन
चन्द्र राशि——————- कुम्भ
सूर्य राशि——————- कन्या
रितु————————– शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर) ———————-नल
विक्रम संवत————— 2079
गुजराती संवत————- 2078
शक संवत—————– 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:15:54
सूर्यास्त—————- 17:57:46
दिन काल————- 11:41:52
रात्री काल———— 12:18:38
चंद्रोदय—————- 16:42:58
चंद्रास्त—————- 28:26:58
लग्न—- कन्या 19°34′ , 169°34′
सूर्य नक्षत्र——————– हस्त
चन्द्र नक्षत्र—————- शतभिषा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
सा—- शतभिषा 06:57:04
सी—- शतभिषा 12:36:15
सू—- शतभिषा 18:16:15
से—- पूर्वा भाद्रपदा 23:57:13
सो—– पूर्वा भाद्रपदा 29:39:15
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कन्या 19 :49 हस्त , 3 ण
चन्द्र =कुम्भ 12 °23, धनिष्ठा , 2 गी
बुध =कन्या 01 ° 34′ उ o फाo ‘2 टो
शुक्र=कन्या 15°05, हस्त ‘ 2 ष
मंगल=वृषभ 27°30 ‘ मृगशिरा’ 2 वो
गुरु=मीन 08°30 ‘ उ o भा o, 2 थ
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 20°40’ भरणी , 3 ले
केतु=(व) तुला 20°40 विशाखा , 1 ती
राहू काल 10:39 – 12:07 अशुभ
यम घंटा 15:02 – 16:30 अशुभ
गुली काल 07:44 – 09:11 अशुभ
अभिजित 11:43 – 12:30 शुभ
दूर मुहूर्त 08:36 – 09:23 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:30 – 13:17 अशुभ
वर्ज्यम 24:20* – 25:51* अशुभ
🚩पंचक अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
चर 06:16 – 07:44 शुभ
लाभ 07:44 – 09:11 शुभ
अमृत 09:11 – 10:39 शुभ
काल 10:39 – 12:07 अशुभ
शुभ 12:07 – 13:35 शुभ
रोग 13:35 – 15:02 अशुभ
उद्वेग 15:02 – 16:30 अशुभ
चर 16:30 – 17:58 शुभ
🚩चोघडिया, रात
रोग 17:58 – 19:30 अशुभ
काल 19:30 – 21:02 अशुभ
लाभ 21:02 – 22:35 शुभ
उद्वेग 22:35 – 24:07* अशुभ
शुभ 24:07* – 25:39* शुभ
अमृत 25:39* – 27:12* शुभ
चर 27:12* – 28:44* शुभ
रोग 28:44* – 30:16* अशुभ
💮होरा, दिन
शुक्र 06:16 – 07:14
बुध 07:14 – 08:13
चन्द्र 08:13 – 09:11
शनि 09:11 – 10:10
बृहस्पति 10:10 – 11:08
मंगल 11:08 – 12:07
सूर्य 12:07 – 13:05
शुक्र 13:05 – 14:04
बुध 14:04 – 15:02
चन्द्र 15:02 – 16:01
शनि 16:01 – 16:59
बृहस्पति 16:59 – 17:58
🚩होरा, रात
मंगल 17:58 – 18:59
सूर्य 18:59 – 20:01
शुक्र 20:01 – 21:02
बुध 21:02 – 22:04
चन्द्र 22:04 – 23:06
शनि 23:06 – 24:07
बृहस्पति 24:07* – 25:09
मंगल 25:09* – 26:10
सूर्य 26:10* – 27:12
शुक्र 27:12* – 28:13
बुध 28:13* – 29:15
चन्द्र 29:15* – 30:16
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
कन्या > 03:56 से 06:00 तक
तुला > 06:00 से 08:14 तक
वृश्चिक > 08:14 से 10:30 तक
धनु > 10:30 से 13:00 तक
मकर > 13:00 से 14:38 तक
कुम्भ > 14:38 से 16:06 तक
मीन > 16:06 से 16:40 तक
मेष > 16:40 से 18:14 तक
वृषभ > 18:14 से 21:00 तक
कर्क > 21:00 से 01:30 तक
सिंह > 01:30 से 03:50 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
12 + 6 + 1 = 19 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
12 + 12 + 5 = 29 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
*प्रदोष व्रत (शिव पूजन)
* छप्पन भोग द्वारकाधीश जी मथुरा
* त्रयोदशीक्षय
* पंचक अहोरात्र
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
नदीतीरे च ये वृक्षाः परगेहेषु कामिनी ।
मंत्रिहीनाश्च राजानः शीघ्रं नश्यन्त्यसंशयम् ।।
।। चा o नी o।।
नदी के किनारे वाले वृक्ष, दुसरे व्यक्ति के घर मे जाने अथवा रहने वाली स्त्री एवं बिना मंत्रियों का राजा – ये सब निश्चय ही शीघ्र नस्ट हो जाते हैं।
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविज्ञानयोग अo-13
यदा भूतपृथग्भावमेकस्थमनुपश्यति ।,
तत एव च विस्तारं ब्रह्म सम्पद्यते तदा ॥,
जिस क्षण यह पुरुष भूतों के पृथक-पृथक भाव को एक परमात्मा में ही स्थित तथा उस परमात्मा से ही सम्पूर्ण भूतों का विस्तार देखता है, उसी क्षण वह सच्चिदानन्दघन ब्रह्म को प्राप्त हो जाता है॥,30॥,
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