मीन राशिफल 3 नवंबर 2022

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Pisces Horoscope

***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺

दिनाँक :-03/11/2022, गुरुवार
दशमी, शुक्ल पक्ष,
कार्तिक
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मीन

जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। घर-बाहर अशांति रह सकती है। प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा के योग बनेंगे। कुछ कष्ट होने की संभावना। लाभ के योग बनेंगे। स्त्री वर्ग को कष्ट। कुसंग से कष्ट। कलहकारक दिन रहेगा। अपनी तरफ से बात को बढ़ावा न दें।

तिथि————दशमी 19:29:35 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र——- शतभिषा 24:47:34
योग————– वृद्वि 07:47:37
योग————- ध्रुव 29:23:13
करण———– तैतुल 08:17:21
करण————– गर 19:29:35
वार———————– गुरूवार
माह———————– कार्तिक
चन्द्र राशि——————- कुम्भ
सूर्य राशि——————— तुला
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर—————— शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————- नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————- 2079
शक संवत—————— 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:32:13
सूर्यास्त—————- 17:32:53
दिन काल————- 11:00:39
रात्री काल————–13:00:02
चंद्रोदय————— 14:43:33
चंद्रास्त—————- 26:17:31

लग्न—- तुला 16°25′ , 196°25′

सूर्य नक्षत्र—————— स्वाति
चन्द्र नक्षत्र—————- शतभिषा
नक्षत्र पाया——————-ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

गो—- शतभिषा 07:26:53

सा—- शतभिषा 13:12:43

सी—- शतभिषा 18:59:36

सू—- शतभिषा 24:47:34

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=तुला 16 :29 स्वाति , 3 रो
चन्द्र =कुम्भ 09 °23, शतभिषा , 1 गो
बुध =तुला 12 ° 34′ स्वाति ‘2 रे
शुक्र=तुला 19°05, स्वाति ‘ 4 ता
मंगल=मिथुन 01°30 ‘ मृगशिरा’ 3 का
गुरु=मीन 05°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 19°15 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 19°15 विशाखा , 4 ता

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 13:25 – 14:48 अशुभ
यम घंटा 06:32 – 07:55 अशुभ
गुली काल 09:17 – 10:40 अशुभ
अभिजित 11:41 – 12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 10:12 – 10:56 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:37 – 15:21 अशुभ
वर्ज्यम 08:36 – 10:08 अशुभ

🚩पंचक अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
शुभ 06:32 – 07:55 शुभ
रोग 07:55 – 09:17 अशुभ
उद्वेग 09:17 – 10:40 अशुभ
चर 10:40 – 12:03 शुभ
लाभ 12:03 – 13:25 शुभ
अमृत 13:25 – 14:48 शुभ
काल 14:48 – 16:10 अशुभ
शुभ 16:10 – 17:33 शुभ

🚩चोघडिया, रात
अमृत 17:33 – 19:10 शुभ
चर 19:10 – 20:48 शुभ
रोग 20:48 – 22:25 अशुभ
काल 22:25 – 24:03* अशुभ
लाभ 24:03* – 25:40* शुभ
उद्वेग 25:40* – 27:18* अशुभ
शुभ 27:18* – 28:55* शुभ
अमृत 28:55* – 30:33* शुभ

💮होरा, दिन
बृहस्पति 06:32 – 07:27
मंगल 07:27 – 08:22
सूर्य 08:22 – 09:17
शुक्र 09:17 – 10:12
बुध 10:12 – 11:07
चन्द्र 11:07 – 12:03
शनि 12:03 – 12:58
बृहस्पति 12:58 – 13:53
मंगल 13:53 – 14:48
सूर्य 14:48 – 15:43
शुक्र 15:43 – 16:38
बुध 16:38 – 17:33

🚩होरा, रात
चन्द्र 17:33 – 18:38
शनि 18:38 – 19:43
बृहस्पति 19:43 – 20:48
मंगल 20:48 – 21:53
सूर्य 21:53 – 22:58
शुक्र 22:58 – 24:03
बुध 24:03* – 25:08
चन्द्र 25:08* – 26:13
शनि 26:13* – 27:18
बृहस्पति 27:18* – 28:23
मंगल 28:23* – 29:28
सूर्य 29:28* – 30:33

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

तुला > 04:18 से 06:29 तक
वृश्चिक > 06:29 से 08:50 तक
धनु > 08:50 से 11:20 तक
मकर > 11:20 से 12:58 तक
कुम्भ > 12:58 से 14:28 तक
मीन > 14:28 से 15:00 तक
मेष > 15:00 से 16:34 तक
वृषभ > 16:34 से 19:20 तक
कर्क > 19:20 से 11:50 तक
सिंह > 11:50 से 02:08 तक
कन्या > 02:08 से 04:10 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

10 + 5 + 1 = 16 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

10 + 10 + 5 = 25 ÷ 7 = 4 शेष

सभायां= संताप कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* कंस वध लीला मथुरा

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

यस्य स्नेहो भयं तस्य स्नेहो दुःखस्य भाजनम् ।
स्नेहमूलानि दुःखानि तानि त्यक्त्वा वसेत्सुखम् ।।
।। चा o नी o।।

जो व्यक्ति अपने घर के लोगो से बहोत आसक्ति रखता है वह भय और दुःख को पाता है. आसक्ति ही दुःख का मूल है. जिसे सुखी होना है उसे आसक्ति छोडनी पड़ेगी.

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11

मन्यसे यदि तच्छक्यं मया द्रष्टुमिति प्रभो ।,
योगेश्वर ततो मे त्वं दर्शयात्मानमव्ययम्‌ ॥,

हे प्रभो! (उत्पत्ति, स्थिति और प्रलय तथा अन्तर्यामी रूप से शासन करने वाला होने से भगवान का नाम ‘प्रभु’ है) यदि मेरे द्वारा आपका वह रूप देखा जाना शक्य है- ऐसा आप मानते हैं, तो हे योगेश्वर! उस अविनाशी स्वरूप का मुझे दर्शन कराइए॥,4॥,

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