मीन राशिफल 28 अप्रैल 2022

0
383
Pisces Horoscope
Pisces Horoscope

***|| जय श्री राधे ||***

*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** *** 

दिनाँक:-28/04/2022, गुरुवार
त्रयोदशी, कृष्ण पक्ष
वैशाख
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

***  दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मीन

स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। आय के नए साधन प्राप्त हो सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य में राहत मिलेगी। चिंता दूर होगी। नौकरी में रुतबा बढ़ेगा। भरोसा जीतेंगे। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। कला कौशल में वृद्धि होगी। रचनात्मकता बढ़ेगी।

तिथि———- त्रयोदशी 24:25:59 तक
पक्ष————————– कृष्ण
नक्षत्र—– उत्तराभाद्रपदा17:38:59
योग———– वैधृति 16:26:54
करण————– गर 12:21:04
करण———– वणिज 24:25:59
वार————————गुरूवार
माह———————— वैशाख
चन्द्र राशि——————– मीन
सूर्य राशि——————— मेष
रितु————————- वसंत
सायन———————– ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————— नल
संवत्सर (उत्तर) ——————-राक्षस
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)———- 2078
शाका संवत—————–1944

काजल से जुड़े वास्तु टिप्स Vastu Tips Related To Kajal

वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:43:57
सूर्यास्त————— 18:49:49
दिन काल————–13:05:51
रात्री काल————- 10:53:17
चंद्रास्त—————- 16:38:39
चंद्रोदय————— 28:50:25

लग्न—- मेष 13°33′ , 13°33′

सूर्य नक्षत्र—————— भरणी
चन्द्र नक्षत्र———– उत्तराभाद्रपदा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

*** पद, चरण ***

झ—-उत्तराभाद्रपदा 11:27:43

ञ—- उत्तराभाद्रपदा 17:38:59

दे—- रेवती 23:51:59

*** ग्रह गोचर ***

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
*** *** *** *** *** *** *** *** *** 
सूर्य=मीन 13:12 भरणी , 1 ली
चन्द्र =मीन 10°23 , उ o भा o, 3 झ
बुध =वृषभ 03 ° 07′ कृतिका ‘ 3 उ
शुक्र=कुम्भ 00°05, पू o भा o ‘ 4 दी
मंगल=कुम्भ 15°30 ‘ शतभिषा’ 3 सी
गुरु=मीन 03°30 ‘ पू o भा o, 4 दी
शनि=मकर 29°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व)वृषभ 29°10’ कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 29°10 विशाखा , 3 ते

Read Also : अक्षय तृतीया : भगवान विष्णु-लक्ष्मी की करें पूजा और ये करें दान Third Day Of Akshaya

*** मुहूर्त प्रकरण ***

राहू काल 13:55 – 15:33 अशुभ
यम घंटा 05:44 – 07:22 अशुभ
गुली काल 09:00 – 10:39 अशुभ
अभिजित 11:51 -12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 10:06 – 10:58 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:20 – 16:13 अशुभ

गंड मूल 17:39 – अहोरात्र अशुभ

पंचक अहोरात्र अशुभ

चोघडिया, दिन
शुभ 05:44 – 07:22 शुभ
रोग 07:22 – 09:00 अशुभ
उद्वेग 09:00 – 10:39 अशुभ
चर 10:39 – 12:17 शुभ
लाभ 12:17 – 13:55 शुभ
अमृत 13:55 – 15:33 शुभ
काल 15:33 – 17:12 अशुभ
शुभ 17:12 – 18:50 शुभ

चोघडिया, रात
अमृत 18:50 – 20:11 शुभ
चर 20:11 – 21:33 शुभ
रोग 21:33 – 22:55 अशुभ
काल 22:55 – 24:16* अशुभ
लाभ 24:16* – 25:38* शुभ
उद्वेग 25:38* – 26:59* अशुभ
शुभ 26:59* – 28:21* शुभ
अमृत 28:21* – 29:43* शुभ

Read Also : हर कोई माने रामभक्त हनुमान जी को Ram Bhagat Hanuman ji

होरा, दिन
बृहस्पति 05:44 – 06:49
मंगल 06:49 – 07:55
सूर्य 07:55 – 09:00
शुक्र 09:00 – 10:06
बुध 10:06 – 11:11
चन्द्र 11:11 – 12:17
शनि 12:17 – 13:22
बृहस्पति 13:22 – 14:28
मंगल 14:28 – 15:33
सूर्य 15:33 – 16:39
शुक्र 16:39 – 17:44
बुध 17:44 – 18:50

होरा, रात
चन्द्र 18:50 – 19:44
शनि 19:44 – 20:39
बृहस्पति 20:39 – 21:33
मंगल 21:33 – 22:28
सूर्य 22:28 – 23:22
शुक्र 23:22 – 24:16
बुध 24:16* – 25:11
चन्द्र 25:11* – 26:05
शनि 26:05* – 26:59
बृहस्पति 26:59* – 27:54
मंगल 27:54* – 28:49
सूर्य 28:49* – 29:43

*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***

मेष > 04:10 से 06:00 तक
वृषभ > 06:00 से 07:50 तक
मिथुन > 07:50 से 10:05 तक
कर्क > 10:05 से 12:22 तक
सिंह > 12:22 से 14:35 तक
कन्या > 14:35 से 06:46 तक
तुला > 06:46 से 07:01 तक
वृश्चिक > 07:01 से 09:15 तक
धनु > 09:15 से 23:17 तक
मकर > 23:18 से 01:08 तक
कुम्भ > 01:08 से 02:40 तक
मीन > 02:40 से 04:10 तक

Read Also : महादेव की आराधना से मिलता है मोक्ष Worship Of Mahadev Gives Salvation

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

Read Also : जाने श्री दाऊजी मंदिर का इतिहास Know History Of Shri Dauji Temple

Read Also : दुखों का भंजन करते हैं श्रीदुखभंजन Shreedukhbhanjan Breaks Sorrows

दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 13 + 5 + 1 = 34 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

***  ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

केतु ग्रह मुखहुति

 शिव वास एवं फल -:

28 + 28 + 5 = 61 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 24:26 से प्रारम्भ

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

*** विशेष जानकारी **

*गुरु प्रदोष व्रत (शिव पूजन)

*सर्वार्थ सिद्धि योग 17:39 से

* पंचक अहोरात्र

*** शुभ विचार ***

न वेत्ति तो यस्य गुण प्रकर्ष
स तं सदा निन्दति नाऽत्र चित्रम् ।
यथा किरती करिकुम्भलब्धां
मुक्तां परित्यज्य बिभर्ति गुञ्जाम् ।।
।। चा o नी o।।

इसमें कोई आश्चर्य नहीं की व्यक्ति उन बातो के प्रति अनुदगार कहता है जिसका उसे कोई ज्ञान नहीं. उसी प्रकार जैसे एक जंगली शिकारी की पत्नी हाथी के सर का मणि फेककर गूंजे की माला धारण करती है.

*** सुभाषितानि ***

गीता -: पुरुषोत्तमयोग अo-15

शरीरं यदवाप्नोति यच्चाप्युत्क्रामतीश्वरः ।,
गृहीत्वैतानि संयाति वायुर्गन्धानिवाशयात्‌ ॥,

वायु गन्ध के स्थान से गन्ध को जैसे ग्रहण करके ले जाता है, वैसे ही देहादिका स्वामी जीवात्मा भी जिस शरीर का त्याग करता है, उससे इन मन सहित इन्द्रियों को ग्रहण करके फिर जिस शरीर को प्राप्त होता है- उसमें जाता है॥,8॥,

*** आपका दिन मंगलमय हो *** 
*** *** *** *** *** *** ***
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Read Also : 10 Largest Hanuman Statues भारत में यहां है 10 सबसे विशालकाय बजरंगबली की प्रतिमाएं

Also: पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

Connect With Us: Twitter Facebook