मीन राशिफल 21 अक्टूबर 2022

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Pisces Horoscope

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***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:- 21/10/2022, शुक्रवार
एकादशी, कृष्ण पक्ष,
कार्तिक
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मीन

बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। स्थायी संपत्ति से बड़ा लाभ हो सकता है। समय पर कर्ज चुका पाएंगे। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। निवेश शुभ फल देगा। घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी, ध्यान रखें।

तिथि——– एकादशी 17:22:08 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र————- मघा 12:27:20
योग———— शुक्ल 17:45:27
करण———– बालव 17:22:08
करण———– कौलव 29:46:57
वार———————– शुक्रवार
माह———————– कार्तिक
चन्द्र राशि—————— सिंह
सूर्य राशि——————— तुला
रितु————————– शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————— 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:23:42
सूर्यास्त—————- 17:43:31
दिन काल————- 11:19:48
रात्री काल————- 12:40:48
चंद्रास्त—————- 15:36:44
चंद्रोदय—————- 27:09:22

लग्न—- तुला 3°26′ , 183°26′

सूर्य नक्षत्र——————– चित्रा
चन्द्र नक्षत्र——————- मघा
नक्षत्र पाया——————- रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

मे—- मघा 12:27:20

मो—- पूर्वा फाल्गुनी 18:51:20

टा—- पूर्वा फाल्गुनी 25:13:01

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=तुला 01 :49 चित्रा , 4 री
चन्द्र =सिंह 10 °23, मघा , 4 मे
बुध =कन्या 21 ° 34′ हस्त ‘4 ठ
शुक्र=तुला 02°05, चित्रा ‘ 3 रा
मंगल=मिथुन 00°30 ‘ मृगशिरा’ 3 का
गुरु=मीन 06°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 19°50 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 19°50 विशाखा , 4 ता

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 10:39 – 12:04 अशुभ
यम घंटा 14:54 – 16:19 अशुभ
गुली काल 07:49 – 09:14 अशुभ
अभिजित 11:41 – 12:26 शुभ
दूर मुहूर्त 08:40 – 09:25 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:26 – 13:12 अशुभ
वर्ज्यम 20:59 – 22:41 अशुभ

🚩गंड मूल 06:24 – 12:27 अशुभ

💮चोघडिया, दिन
चर 06:24 – 07:49 शुभ
लाभ 07:49 – 09:14 शुभ
अमृत 09:14 – 10:39 शुभ
काल 10:39 – 12:04 अशुभ
शुभ 12:04 – 13:29 शुभ
रोग 13:29 – 14:54 अशुभ
उद्वेग 14:54 – 16:19 अशुभ
चर 16:19 – 17:44 शुभ

🚩चोघडिया, रात
रोग 17:44 – 19:19 अशुभ
काल 19:19 – 20:54 अशुभ
लाभ 20:54 – 22:29 शुभ
उद्वेग 22:29 – 24:04* अशुभ
शुभ 24:04* – 25:39* शुभ
अमृत 25:39* – 27:14* शुभ
चर 27:14* – 28:49* शुभ
रोग 28:49* – 30:24* अशुभ

💮होरा, दिन
शुक्र 06:24 – 07:20
बुध 07:20 – 08:17
चन्द्र 08:17 – 09:14
शनि 09:14 – 10:10
बृहस्पति 10:10 – 11:07
मंगल 11:07 – 12:04
सूर्य 12:04 – 13:00
शुक्र 13:00 – 13:57
बुध 13:57 – 14:54
चन्द्र 14:54 – 15:50
शनि 15:50 – 16:47
बृहस्पति 16:47 – 17:44

🚩होरा, रात
मंगल 17:44 – 18:47
सूर्य 18:47 – 19:50
शुक्र 19:50 – 20:54
बुध 20:54 – 21:57
चन्द्र 21:57 – 23:01
शनि 23:01 – 24:04
बृहस्पति 24:04* – 29
मंगल 25:07* – 26:11
सूर्य 26:11* – 27:14
शुक्र 27:14* – 28:18
बुध 28:18* – 29:21
चन्द्र 29:21* – 30:24

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

तुला > 05:11 से 07:22 तक
वृश्चिक > 07:22 से 09:42 तक
धनु > 09:42 से 12:12 तक
मकर > 12:12 से 13:50 तक
कुम्भ > 13:50 से 15:20 तक
मीन > 15:20 से 15:52 तक
मेष > 15:52 से 17:26 तक
वृषभ > 17:26 से 20:12 तक
कर्क > 20:12 से 00:42 तक
सिंह > 00:42 से 03:00 तक
कन्या > 03:00 से 05:11 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 11 + 6 + 1 = 33 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

26 + 26 + 5 = 57 ÷ 7 = 1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* रमा एकादशी व्रत (सर्वेषां)

*गोवत्स द्वादशी

* गुरुगोविंदसिंह पुण्य दिवस

* आजाद हिंद फौज स्थापना दिवस

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

कोकिलानां स्वरो रूपं नारीरूपं पतिव्रतम् ।
विद्यारूपं कुरूपाणांक्षमा रूपं तपस्विनाम् ।।
।। चा o नी o।।

कोयल की सुन्दरता उसके गायन मे है. एक स्त्री की सुन्दरता उसके अपने पिरवार के प्रति समर्पण मे है. एक बदसूरत आदमी की सुन्दरता उसके ज्ञान मे है तथा एक तपस्वी की सुन्दरता उसकी क्षमाशीलता मे है.

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: भक्तियोग अo-12

अभ्यासेऽप्यसमर्थोऽसि मत्कर्मपरमो भव ।,
मदर्थमपि कर्माणि कुर्वन्सिद्धिमवाप्स्यसि ॥,

यदि तू उपर्युक्त अभ्यास में भी असमर्थ है, तो केवल मेरे लिए कर्म करने के ही परायण (स्वार्थ को त्यागकर तथा परमेश्वर को ही परम आश्रय और परम गति समझकर, निष्काम प्रेमभाव से सती-शिरोमणि, पतिव्रता स्त्री की भाँति मन, वाणी और शरीर द्वारा परमेश्वर के ही लिए यज्ञ, दान और तपादि सम्पूर्ण कर्तव्यकर्मों के करने का नाम ‘भगवदर्थ कर्म करने के परायण होना’ है) हो जा।, इस प्रकार मेरे निमित्त कर्मों को करता हुआ भी मेरी प्राप्ति रूप सिद्धि को ही प्राप्त होगा॥,10॥,

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